
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने के लिए पश्चिम बंगाल से 50 से ज्यादा परिवार के लोग दिल्ली पहुंच चुके हैं. ये उन भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्य हैं, जो पिछले एक वर्ष के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा में मारे गए. इनमें से किसी ने अपना बेटा खोया तो किसी ने भाई. आजतक ने इन्हीं पीड़ित परिवारों से बात की. इनमें से कुछ कैमरे के आगे ही अपनों को याद कर रो पड़े.
नॉर्थ 24 परगना से आए एक शख्स ने आरोप लगाया कि उसका भाई भाजपा कार्यकर्ता था. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडे लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते थे, गुंडई करते थे. जब उसने इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया तो उसे घर से उठाकर 7 टुकड़े करके हत्या कर दी गई. इन परिवारों में एक बुजुर्ग दंपति भी मौजूद थे, जिनके हाथ में उनके बेटे की तस्वीर थी. दोनों कैमरे के आगे बेटे को याद करके खुद पर काबू नहीं रख पाए और फूट-फूटकर रोने लगे. ये सभी परिवार न्याय पाने की राह देख रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण में बुलाए जाने से इनका विश्वास और मजबूत जरूर हुआ होगा कि पार्टी उनके साथ खड़ी है. इससे पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं का भी मनोबल बढ़ेगा. बीजेपी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को एक संदेश देना चाहती है. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी का मकसद इस बार बंगाल में भगवा फहराने का है.
लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद पार्टी के हौसले बुलंद हैं. बता दें कि पहले ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के न्योते को मंजूर कर लिया था. लेकिन जब उन्हें मालूम चला कि 50 बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी निमंत्रण दिया गया है तो उन्होंने इनकार कर दिया. उन्होंने धरने पर बैठने का फैसला किया है. ममता ने कहा कि इन बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत राजनीतिक प्रतिशोध के कारण नहीं हुई है. उनके पास इसका रिकॉर्ड भी है.
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की भव्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. कार्यक्रम में 6 हजार से ज्यादा मेहमान शिरकत करेंगे, जिसमें कई मशहूर खेल, सिनेमा, उद्योग और विदेशी हस्तियां शामिल हैं. पीएम ने पड़ोसी पहले की नीति के तहत बिम्सटेक सदस्य देशों को निमंत्रण दिया है, जिनके राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंच गए हैं. इसके अलावा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष को भी न्योता दिया गया है. वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. नई दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली को अभेद किले में तब्दील कर दिया गया है. 10 हजार सुरक्षाकर्मियों को अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया गया है. इसके अलावा कई रूट्स में भी बदलाव किया गया है.