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लालू यादव ने जेल से लिखा भावुक पत्र, कहा- इस बार के चुनाव में सब कुछ दांव पर

लालू यादव ने मौजूदा चुनाव को गरिमा और इज्जत को दांव पर लगाने वाला चुनाव बताते हुए कहा कि यह लड़ाई आर-पार की है. मेरे गले में सरकार और चालबाजों का फंदा कसा हुआ है. उम्र के साथ शरीर साथ नहीं दे रहा है पर आन और आबरू की लड़ाई में लालू की ललकार हमेशा रहेगी. यह ललकार हमारे सिपाहियों के दम पर है जो हार या जीत हर हाल में लड़ेंगे, पीठ दिखाकर भागने वाले नहीं है.

(फाइल फोटो- लालू यादव) (फाइल फोटो- लालू यादव)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 8:14 PM IST

चारा घोटाले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने पर ट्विटर पर भावुक पत्र साझा किया है. उन्होंने जनता से लोकतंत्र और संविधान को बचाने की अपील की है. लालू यादव ने 2019 के लोक सभा चुनाव में सक्रिय भूमिका न निभाने पर अफसोस भी जताया है.

लालू यादव ने ट्वीट कर कहा, '44 वर्षों में पहला चुनाव है, जिसमें आपके बीच नहीं हूं. चुनावी उत्सव में आप सबके दर्शन नहीं होने का अफसोस है. आपकी कमी खल रही है इसलिए जेल से ही आप सबके नाम पत्र लिखा है. आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइएगा जय हिंद, जय भारत.'

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लालू यादव ने अपने पत्र में लिखा है, 'इस वक्त जब बिहार एक नई गाथा लिखने जा रहा है, लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है, यहां रांची के अस्पताल में अकेले बैठकर सोच रहा हूं कि क्या विध्वंसकारी शक्तियां मुझे इस तरह कैद कराके बिहार में फिर किसी षड्यंत्र की पटकथा लिखने में सफल हो पाएंगी? मेरे रहते मेरे बिहारवासियों के साथ फिर मैं धोखा नहीं होने दूंगा. मैं कैद में हूं, मेरे विचार नहीं. अपने विचारों को आपसे साझा कर रहा हूं क्योंकि एक-दूसरे से विचारों को साझा करके ही हम इन बांटने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ सकते हैं.'

लालू यादव ने मौजूदा चुनाव को गरिमा और इज्जत को दांव पर लगाने वाला चुनाव बताते हुए कहा, 'लड़ाई आर-पार की है. मेरे गले में सरकार और चालबाजों का फंदा कसा हुआ है. उम्र के साथ शरीर साथ नहीं दे रहा है पर आन और आबरू की लड़ाई में लालू की ललकार हमेशा रहेगी. यह ललकार हमारे सिपाहियों के दम पर है जो हार या जीत हर हाल में लड़ेंगे, पीठ दिखाकर भागने वाले नहीं है. '

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लालू यादव ने लिखा, 'जैसे गांधी जी ने ललकार कर अंग्रेजों को भारत छोड़ो कहने के बाद करो या मरो का नारा दिया था वैसे ही यह लड़ाई भी देश तोड़ने वालों के खिलाफ है. संविधान में दिए हक की हिफाजत की लड़ाई है. आरक्षण और संविधान विरोधी नरेंद्र मोदी को खदेड़ने की लड़ाई में करो या मरो वाले जज्बे की जरूरत है.'

लालू यादव ने कहा, 'हर आदमी को लालू यादव बनना होगा. उसकी तरह डटना होगा, लालू यादव की तरह लड़ना होगा. सामने चाहे कितनी भी मुश्किल हो, डर और धमकी हो, खतरा हो लालच हो, खतरा हो, डंट कर लड़ना होगा और गरीब-गुरबों की मान प्रतिष्ठा बचानी होगी.'

लालू ने अपने इस खत में रोहित वेमुला का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा, 'आप सब जानते हैं कि मोदी सरकार ने आपके आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की. किस प्रकार हमारे रोहित वेमुला जैसे दलित बेटे को प्रताड़ित कर आत्महत्या करने को मजबूर किया गया. किस प्रकार दलित उत्पीड़न को बढ़ावा दिया गया. किस प्रकार दलितों और अनुसूचित जाति पर उत्पीड़न के कानून को कमजोर करने की कोशिश की गई. अगर आप पूरी गोलबंदी से सड़क पर कोहराम नहीं मचाते तो आपके अधिकारों को मोदी सरकार ने खत्म कर दिया होता.'

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लालू यादव ने इस चुनाव को सरकार और गद्दार की पहचान वाला चुनाव कहा है. उन्होंने लिखा, 'इस बार वाला चुनाव सरकार और गद्दार दोनों को पहचाने का है. अगर चूक गए तो हमेशा के लिए चूक जाइएगा. हमारे गरीब-गुरबा लोग जो मंडल जी, कुशवाहा जी, यादव जी, बिन्द जी, साहनी जी, पासवान जी, मांझी जी या राम जी कहाने लगे थे वो फिर से अशोभनीय जाति सूचक नामों से पुकारे जाएंगे.'

लालू यादव ने राजद कार्यकर्ताओं से दलित, बहुजन समाज के आरक्षण और संविधान को बचाने की अपील की है.

गौरतलब है कि चारा घोटाल मामले में जेल की सजा काट रहे लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है, सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. लालू यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर बेल की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि लालू यादव को जेल में ही रहना होगा. फिलहाल वह रांची के रिम्स में इलाज करा रहे हैं. 1980 के दशक के बाद बिहार के लोगों के लिए लोकसभा चुनाव 2019 ऐसा चुनाव है जो बिना लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी में लड़ा जा रहा है.

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