
इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स के साथ किए गए सर्वे देश का मिजाज (मूड ऑफ द नेशन) में देश में शहरों, रेलवे स्टेशन और द्वीपों के नाम बदलने पर देश की 49 फीसदी संतुष्ट है. जबकि, उत्तर प्रदेश के 59 फीसदी लोगों ने नाम बदलने से संतुष्ट है. वहीं, देश के 40 फीसदी और उत्तर प्रदेश के 27 फीसदी इससे असंतुष्ट है. इस सर्वे में देश के 11 और उत्तर प्रदेश के 14 फीसदी लोग ऐसे हैं जो न संतुष्ट है और न ही असंतुष्ट है.
बता दें, नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन द्वीपों हैवलॉर का नाम स्वराज द्वीप, नील आईलैंड का नाम शहीद द्वीप और रोश आईलैंड का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस कर दिया. वहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया है. नाम बदलने के बाद विपक्षी पार्टियों ने मोदी और योगी सरकार के कदम की आलोचना की थी. हालांकि, विपक्षी पार्टियों का यह विरोध जनता को रास नहीं आ रहा है.
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हर जाति के लोग नाम बदलने से संतुष्ट
28 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 20 लोकसभा क्षेत्रों में 2478 लोगों पर कि गए इस सर्वे के मुताबिक, नाम बदलने से उत्तर प्रदेश की 59 फीसदी संतुष्ट है, इसमें 62 फीसदी पुरुष और 53 फीसदी महिला शामिल हैं. संतुष्ट लोगों में हर जाति के लोग शामिल हैं. इसमें 67 फीसदी सवर्ण, 50 फीसदी एससी/एसटी और 58 फीसदी पिछड़ी जाति के लोग हैं.
योगी के कामकाज से 57 फीसदी संतुष्ट
इसके अलावा इस सर्वे के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के कामकाज से 57 फीसदी जनता संतुष्ट और बहुत संतुष्ट है. इनमें 17 फीसदी आबादी बहुत संतुष्ट है. 40 फीसदी लोग संतुष्ट जरूर है. वहीं, 27 फीसदी लोग असंतुष्ट है. सर्वे में पांच सीएम में से 40 फीसदी लोगों ने योगी आदित्यनाथ को बेस्ट सीएम माना है. योगी के अलावा इस लिस्ट में तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखऱ राव, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और बिहार के सीएम नीतीश कुमार शामिल हैं.
सपा-बसपा-आरएलडी-कांग्रेस गठबंधन कर सकती है बीजेपी का सूपड़ा साफ
इस सर्वे के मुताबिक, सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन यूपी की 80 में से 58 सीटें जीत सकता है और बीजेपी-अपना दल को सिर्फ 18 सीट मिल सकती है. जबकि, अगर इस सपा-बसपा-आरएलडी के साथ कांग्रेस भी मिल जाती है तो बीजेपी का सुपड़ा साफ हो सकता है. बीजेपी को सिर्फ 5 सीटें मिलेंगे, जबकि सपा-बसपा-आरएलडी-कांग्रेस गठबंधन को 75 सीटें मिल सकती है.