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जम्मू-कश्मीर में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के लिए सभी दल सहमत

निर्वाचन आयोग ने कहा कि जम्मू- कश्मीर के सभी राजनीतिक दल राज्य में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने पर सहमत हैं. माना जा रहा है कि अब इसके बाद चुनाव आयोग एक साथ चुनाव करा सकता है.

 मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST

जम्मू-कश्मीर में  लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संभावनाएं टटोलने पहुंची चुनाव आयोग की टीम ने मंगलवार को प्रदेश के राजनीतिक दलों से बातचीत की. निर्वाचन आयोग ने कहा कि जम्मू- कश्मीर के सभी राजनीतिक दल राज्य में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने पर सहमत हैं.

 मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में टीम दो दिनों के दौरे पर सोमवार को जम्मू-कश्मीर पहुंची. इस दौरान चुनाव आयोग की टीम ने विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार- विमर्श किया. इन दलों में कांग्रेस, बीजेपी, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, माकपा और नेशनल पैंथर्स पार्टी सहित अन्य दलों के प्रतिनिधि शामिल रहे. इन सभी दलों ने चुनाव आयोग पर पूरा विश्वास व्यक्त किया और लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए सहमति जताई.

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बता दें कि अप्रैल-मई में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कई राज्यों में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कराए जाएंगे. इस कड़ी में जम्मू-कश्मीर में भी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है.

लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की अगुआई में पहुंची टीम अलग- अलग राजनीतिक दलों, आला सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात किया. टीम में तीन सदस्य हैं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की 10 पार्टियों के नेता के साथ मुलाकात की.

 दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि विधानसभा भंग होने के बाद नया चुनाव छह महीने के अंदर कराया जाना चाहिए. जम्मू- कश्मीर के मामले में यह समय सीमा मई, 2019 में खत्म हो रही है. यही वजह है कि चुनाव आयोग प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने की संभावना तलाश रही है.

 

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