
जम्मू-कश्मीर में पिछले सप्ताह पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. वहीं, सोमवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के जवानों ने पुलवामा के मास्टरमाइंड समेत दो आतंकियों को मार गिराया. हालांकि इसमें चार जवान भी शहीद हुए हैं. इन सबके बीच जम्मू-कश्मीर में चुनावी तैयारियों को लेकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों और चुनाव आयोग के अफसरों के बीच सोमवार को बैठक हुई.
गृह मंत्रालय में हुई इस बैठक में राज्य में इस साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी, मुख्य सचिव और मुख्य चुनाव अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए. राज्य के हालात इन दिनों काफी खराब नजर आ रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग गृह मंत्रालय के साथ इस बात को समझने की कोशिश में जुटा है कि क्या ऐसी स्थिति में जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जा सकते हैं.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है. राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं. गृह मंत्रालय के साथ इस बात पर चुनाव आयोग की मंथन हो रही है कि राज्य में चुनावी तैयारियां कैसी हैं. माना जा रहा है कि अगले महीने देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा की जा सकती है. ऐसे में क्या राज्य में भी चुनाव साथ कराए सकते हैं?
जम्मू-कश्मीर में 87 विधानसभा सीटें हैं. इसके अलावा 6 लोकसभा सीटें हैं, 2014 के लोकसभा चुनाव में तीन सीटें बीजेपी और तीन सीटें पीडीपी ने जीती थी. हाल ही में अलगाववादियों और सूबे की क्षेत्रीय पार्टियों के विरोध के बावजूद जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव कराए गए हैं. राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दावा है पंचायत चुनाव बहुत सफल रहे हैं, इस दौरान एक पक्षी को भी को नुकसान नहीं पहुंचा है.