Advertisement

बिहार: विधानसभा चुनावों में जेडीयू का एजेंडा तय, विशेष राज्य रहेगा मुख्य मुद्दा

जेडीयू ने 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में भी विशेष राज्य के मुद्दे को उठाया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया था.

बिहार में जेडीयू का एजेंडा विशेष राज्य का दर्जा (फाइल फोटो- नीतीश कुमार) बिहार में जेडीयू का एजेंडा विशेष राज्य का दर्जा (फाइल फोटो- नीतीश कुमार)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 21 मई 2019,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

जनता दल (यूनाइटेड) ने लोकसभा चुनाव खत्म होते ही साल 2020 में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव का एजेंडा तय कर लिया है. पार्टी इस बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग जोर-शोर से उठाएगी. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 2009 से ही इस मुद्दे को लेकर चल रहे हैं.

2009 के चुनाव में उन्होंने यहां तक कहा था कि जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा, उसे समर्थन देंगे. हालांकि उस समय संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (यूपीए) को समर्थन पाने में सफलता मिल गई थी. जेडीयू ने 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में भी विशेष राज्य के मुद्दे को उठाया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया था.

Advertisement

2014 में जदयू अकेले चुनाव लड़ी थी लेकिन इस मुद्दे का विशेष फायदा नहीं मिल पाया था. बाद में जब केंद्र में मोदी की सरकार बनी तो योजना आयोग को नीति आयोग बनाकर विशेष राज्य देने के प्रावधान को ही खत्म कर दिया गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की जगह सवा लाख करोड़ का पैकेज देने का ऐलान किया था. हांलाकि पैकेज का हिस्सा अलग अलग योजनाओं के लिए मिलता गया. लेकिन तब नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार थी और समय समय पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही थी. कई बार केन्द्र से जवाब आया कि अब इसका कोई प्रावधान नही है.

जुलाई 2017 भारतीय जनात पार्टी में जब नीतीश कुमार अपने पुराने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनाई. नई सरकार के गठन के बाद से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग सरकार की तरफ से कमजोर हो गई.

Advertisement

विपक्ष में खडी राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाना शुरू कर दिया. 2019 के चुनाव में भी महगठबंधन ने इस मुद्दे को उठाया था पर जदयू ने इस लोकसभा के आखिरी चरण के चुनाव में इस मुद्दे को उछालना शुरू कर दिया था. इसके पीछे की वजह है आंध्र प्रदेश और ओडिशा द्वारा विशेष राज्य का दर्जा की मांग करना.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना अब सरकार की प्रमुखता में शामिल है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी कहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर सर्वदलीय सहमति है.

शुरू से ही जेडीयू इसकी लड़ाई लड़ रहा है. इसके पक्ष में हमने सवा करोड़ लोगों के हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजे हैं. मांग को मजबूती से फिर उठाना हमारा कर्तव्य है. अध्यक्ष ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का मुद्दा चुनावी मुद्दा बनेगा. बिहार की जनता पहले से ही इस मुद्दे से प्रभावित रही है और समर्थन भी किया है. अगर वित्त आयोग को किसी बिंदु पर दिक्कत है तो हम नियमों में बदलाव की मांग करेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement