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झारखंड: महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे हेमंत सोरेन, सीटों पर फंसा पेच

लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ झारखंड में विपक्षी दलों की बैठक झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अगुवाई में करीब तीन घंटे तक गुरुवार को बैठक चली,  लेकिन महागठबंधन का स्वरूप तय नहीं हो सका है

जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन (फोटो-फाइल) जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन (फोटो-फाइल)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के खिलाफ देश के अलग- अलग राज्यों में गठबंधन बनने शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में झारखंड में विपक्षी दलों की बैठक झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अगुवाई में करीब तीन घंटे तक गुरुवार को बैठक चली,  लेकिन यह तय नहीं हो सका कि महागठबंधन कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि, महागठबंधन का नेतृत्व हेमंत सोरेन के हाथों में दिए जाने को लेकर सहमति बन गई है.

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झारखंड में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए गुरुवार को विपक्षी दलों की हुए बैठक हुई. इसमें जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन, जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, आरजेडी अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी, बीएसपी विधायक शिवपूजन मेहता के अलावा वामपंथी दलों के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए थे.

विपक्षी दलों की चली बैठक में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने की सहमति बनी, लेकिन सीट बंटवारे पर बात नहीं बन सकी. सीट फॉर्मूले को 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस आला नेताओं के साथ हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी के साथ बैठक के बाद ही सीटों के बंटवारे का ऐलान हो सकता है.

झारखंड के आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लड़ेगा. इसके लिए उन्होंने सीट बंटवारे पर बहुत जल्द मुहर लगने की उम्मीद जाताई है. माना जा रहा है कि जनवरी के आखिर में यह तय हो जाएगा कि कौन सी पार्टी राज्य की कितनी लोकसभा और कितनी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेंगी.

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बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की कुल 14 संसदीय सीटों में से 13 सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही थी. वहीं महज एक सीट जेएमएम जीत सकी थी और कांग्रेस सहित बाकी दलों का राज्य खाता तक नहीं खुला था. इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था.

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