Advertisement

पिता कमलनाथ की पारंपरिक सीट से लड़ रहे नकुलनाथ ने बताया- क्या है चुनौती

 मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ अपनी पिता की पारंपरिक छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरे पिता ही मेरे आदर्श हैं. वहीं, उनपर लग रहे वंशवाद के आरोपों का भी जवाब दिया है.

नकुलनाथ से आजतक की एक्सक्लूसिव बातचीत नकुलनाथ से आजतक की एक्सक्लूसिव बातचीत
राहुल झारिया/रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 07 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 2:11 AM IST

मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट इस बार देश की उन हाईप्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक है जिसपर पूरे देश की नज़र होती है. इस बार छिंदवाड़ा से पिता-पुत्र, दोनों चुनाव लड़ने जा रहे हैं. दरअसल छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने इस बार कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को प्रत्याशी बनाया है जबकि पिता कमलनाथ को इसी छिंदवाड़ा सीट से मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव का टिकट दिया गया है.

Advertisement

आगामी 29 अप्रैल को पिता कमलनाथ और बेटे नकुलनाथ दोनों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी. 44 साल के नकुलनाथ की ये सियासी पारी का आगाज है और वह भी उसी छिंदवाड़ा से जहां से उनके पिता कमलनाथ बीते करीब 40 सालों से सांसद हैं.

छिंदवाड़ा लोकसभा संसदीय सीट से टिकट मिलने के बाद नकुलनाथ ने 'आजतक' ने एक्सक्लूसिव बातचीत में अपने पिता कमलनाथ को अपना आदर्श बताया. पेश है नकुलनाथ से 'आजतक' संवाददाता रवीश पाल सिंह की बातचीत के अंश-

सवाल: 40 सालों से आपके पिता छिंदवाड़ा से सांसद है आप अपनी सियासी पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं कितनी बड़ी चुनौती है आपके सामने?

नकुलनाथ: बहुत बड़ी चुनौती है. क्योंकि जब मेरी बात होती है तो मेरी तुलना कमलनाथ जी से होती है जो बहुत बड़ी चुनौती है. क्योंकि उन्होंने छिंदवाड़ा का बहुत विकास किया है क्योंकि उनका 40 सालों का अनुभव है जबकि मेरा सिर्फ 40 दिनों का.

Advertisement

सवाल: छिंदवाड़ा की जनता आपके पिता को 40 सालों से देख रही है, लेकिन नकुलनाथ बतौर एक इंडिविजुअल यहां की जनता से कैसे कनेक्ट करेंगे?

नकुलनाथ: मुझे अपना परिचय देने की कोई आवश्यकता नहीं थी. मैं पिछले 20 सालों से यहां लगातार काम और चुनाव प्रचार कर रहा हूं तो मैं छिंदवाड़ा के लिए कोई नया चेहरा नहीं. मुझे छिंदवाड़ा की जनता से प्यार और आशीर्वाद हमेशा मिला है और पूरी उम्मीद है कि इस बार भी मिलेगा.

सवाल: छिंदवाड़ा के लिए आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी?

नकुलनाथ: मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी रोजगार की क्योंकि हमारा नौजवान आज सबसे ज्यादा परेशान है. मोदी जी ने बात कही थी 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे हर साल लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. मोदी जी ने तो 4 साल पहले स्किल इंडिया का नारा दिया था. छिंदवाड़ा में स्किल डेवलपमेंट सेंटर 15 साल पहले से चल रहे हैं.

सवाल: 2014 में बात कही गई थी 15 लाख रुपए खाते में डालने की. 2019 में कांग्रेस कह रही है 72 हजार साल के खाते में डालने की. तो क्या ज़रूरत आन पड़ी उसी लाइन में चलने की?

नकुलनाथ: मोदी जी ने 15 लाख रुपये की बात कही थी. हम  हजार की बात कर रहे हैं. आप बताइए 15 लाख संभव है या 72 हजार?

Advertisement

सवाल: राजनीति में आना पहले से तय था या अचानक से आना हुआ?

नकुलनाथ: मैं जब विधानसभा चुनाव के बाद छिंदवाड़ा आया था तो यहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग थी कि मैं यहां से लोकसभा का चुनाव लड़ूं. फिर मैंने इस बारे में कमलनाथ जी से चर्चा की और उसके बाद राजनीति में आने का फैसला किया.

सवाल: आपके सबसे बड़े आइडल कौन हैं?

नकुलनाथ: मेरे पिताजी. क्योंकि आपके सामने है बदलता-बढ़ता छिंदवाड़ा और इसीलिए वह मेरे आइडल हैं.

सवाल: नकुलनाथ को छिंदवाड़ा की जनता वोट क्यों दें?

नकुलनाथ: क्योंकि मैं एक युवा हूं. यहां 65 फ़ीसदी वोटर 18 से 35 साल की उम्र के बीच के हैं यानी कि वह नौजवान है और मेरी सोच उनसे मिलती है.

सवाल: आप को टिकट मिलने के बाद एक बार फिर से कांग्रेस पर वंशवाद के आरोप लग रहे हैं?

नकुलनाथ: आप मानते हैं कि हम लोकतंत्र में हैं? तो जनता को फैसला करने दीजिए. मुझे यह समझ में नहीं आता बीजेपी के पेट में क्यों दर्द होता है. जनता फैसला करेगी जनता पर छोड़ दीजिए और बीजेपी किस मुंह से वंशवाद की बात करती है? उनकी राजस्थान की मुख्यमंत्री के बेटे सांसद हैं उनके गृहमंत्री के बेटे एमएलए हैं वंशवाद का सवाल उठाते हैं?

Advertisement

सवाल: इतनी गर्मी में खुद के लिए चुनाव प्रचार करना. ऐसे में अपने आप को दुरुस्त कैसे रखेंगे? आपको खाने में क्या पसंद है?

नकुलनाथ: मैं अभी तक कमलनाथ जी के लिए प्रचार करता था. इसी स्पीड से अब खुद के लिए प्रचार कर रहा हूं तो मुझे कोई खास फर्क नहीं दिखता और जहां तक खाने की बात है तो मैं आलू के पराठे पसंद करता हूं.

सवाल: राजनीति में आने से पहले आपके पिता ने आपको क्या सीख दी?

नकुलनाथ: उन्होंने एक सीख दी थी कि कभी झूठ नहीं बोलना और अगर कोई वादा किया तो उसे पूरा जरूर करना.

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement