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कर्नाटक की कुर्सी के किंग हैं एचडी कुमारस्वामी, लेकिन दिल्ली में नहीं चला जादू

दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद कुमारस्वामी को दिल्ली में अपने पिता देवगौड़ा के बराबर अहमियत हासिल नहीं हो सकी. वह दो बार लोकसभा तो पहुंचे लेकिन केंद्र की राजनीति में उनकी भूमिका एक सांसद से ज्यादा की कभी नहीं रही.

HD Kumaraswamy political career HD Kumaraswamy political career
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 12:36 AM IST

कर्नाटक में फिलहाल सबसे बड़े सियासी पद पर काबिज एचडी कुमारस्वामी राज्य के 18वें मुख्यमंत्री हैं. वह राज्य में जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी प्रमुख एचडी देवगौड़ा के बेटे हैं. इससे पहले भी कुमारस्वामी 2006 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद कुमारस्वामी को दिल्ली में अपने पिता के बराबर अहमियत हासिल नहीं हो सकी. वह दो बार लोकसभा तो पहुंचे लेकिन केंद्र की राजनीति में उनकी भूमिका एक सांसद से ज्यादा की कभी नहीं रही.

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कुमारस्वामी का जन्म 16 दिसंबर 1959 को कर्नाटक के हासन जिले के हरदनहल्ली में हुआ था. उन्हें राजनीति विरासत में मिली क्योंकि उनके पिता एचडी देवगौड़ा पहले ही राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं, जिन्होंने बाद में देश के प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय किया. कुमारस्वामी की शुरुआती पढ़ाई हासन के ही सरकारी स्कूल में हुई और उसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए बेंगलुरु चले गए. यहां से उन्होंने B.Sc की डिग्री हासिल की.

साल 1986 में कुमारस्वामी ने अनीता से शादी की, दोनों के एक बेटा है जिनका नाम निखिल गौड़ा है. निखिल तेलगु और कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता हैं. साल 2010 में कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री राधिका ने यह दावा किया कि कुमारस्वामी ने 2006 में ही उनसे शादी कर ली थी, साथ ही उन दोनों के एक बेटी भी है.

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राजनीतिक सफर

कुमारस्वामी के राजनीतिक सफर से शुरुआत 1996 से हुआ जब उन्होंने कनकपुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीता. लेकिन इसके दो साल बाद हुए उपचुनाव में उन्हें इसी सीट से करारी हार का सामना भी करना पड़ा. इसके बाद कुमारस्वामी ने 1999 में सथनूर से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें फिर से हार मिली. साल 2004 में वह रामनगर से जीतकर विधानसभा पहुंचे. इस चुनाव में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल नहीं हुआ और सूबे में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार बनी. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में कुमारस्वामी ने जीत दर्ज की.

ऐसे बने राज्य के मुख्यमंत्री

कुमारस्वामी ने 2004 में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की सरकार से अपनी पार्टी को 2006 में बाहर कर लिया. नतीजा हुआ कि कांग्रेस के धरम सिंह की अगुवाई वाली सरकार गिर गई. इसके बाद राज्यपाल ने कुमारस्वामी को सरकार गठन के लिए बुलाया और इस तरह 4 फरवरी 2006 को कुमारस्वामी पहली बार बीजेपी के सहयोग से कर्नाटक के मुख्यमंत्री चुने गए. हालांकि उनका कार्यकाल 7 महीने का ही रहा और गठबंधन की सरकार के चलते उन्होंने अक्टूबर 2007 में पद से इस्तीफा दे दिया.

दूसरी बार बने सीएम

पिछली साल कर्नाटक में हुए विधानसभा में कुमारस्वामी की जेडीएस राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी थी. लेकिन तब सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के पास अकेले सरकार बनाने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं थे. इसके बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने जेडीएस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई और कुमारस्वामी को एक बार फिर से कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. हालांकि पिछले कुछ दिनों से लगातार कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं के बीच तल्ख बयानबाजी तेज हो गई है.

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विवादों से रहा है गहरा नाता  

विवादों से कुमारस्वामी का गहरा नाता रहा है, फिर चाहे वह निजी जीवन के विवाद हों, या फिर मुख्यमंत्री रहते पद के दुरुपयोग का मामला हो. कुमारस्वामी की दूसरी शादी को लेकर भी विवाद हुआ, जिसमें उनके खिलाफ हिन्दू मैरिज एक्ट का उल्लंघन करने के मामले में PIL दायर की गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कन्नड़ अभिनेत्री राधिका से शादी की थी, हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में इस याचिका को खारिज कर दिया. इसके अलावा कुमारस्वामी और उनकी पत्नी अनीता पर कोल खदानों को लेकर भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. कुमारस्वामी दंपती पर 2006 के दौरान सत्ता का गलत इस्तेमाल कर जमीन पर अवैध कब्जा करने को आरोप भी लग चुके हैं.

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