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लोकसभा चुनाव 2019 में सातवें चरण का मतदान संपन्न हो गया है. शाम 6 बजे तक लोकतंत्र के इस पावन यज्ञ में आखिरी आहुति डाली गई. उसके बाद से आजतक पर एग्जिट पोल आने शुरू हो गए हैं. सबसे बड़े एग्जिट पोल पर शाम चार बजे से चर्चा शुरू हुई थी. इस महाएग्जिट पोल में पता चल जाएगा कि 23 मई का दिन किसका होगा. कौन 23 मई को राज करेगा और कौन अगले 5 वर्षों के लिए दिल्ली के तख्त से दूर होगा.
एग्जिट पोल के अनुसार, कर्नाटक में 28 सीटें हैं जिनमें से बीजेपी को 21 से 25 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं वहीं, कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन को 3 से 6 सीटें मिलती दिख रही हैं. अन्य को 0-1 सीट मिल सकती है. 2014 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक में बीजेपी को 17 सीटें मिली थी जो वहीं कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को 11 सीटें मिली थी. अन्य को एक भी सीट नहीं मिली थी.
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2018 में जो विधानसभा चुनाव हुए, उसके अनुसार बीजेपी की 13 सीट, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को 15 सीटें मिलना चाहिए थी लेकिन विधानसभा चुनाव से अभी तक तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. यदि वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को 49 फीसद वोट मिल रहा है तो कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 43 फीसद वोट मिल रहा है. अन्य के खाते में 8 फीसदी वोट जाता दिख रहा है. वहीं, 2014 में बीजेपी को 43 फीसदी वोट मिला था तो वहीं कांग्रेस को 52 फीसदी वोट मिला था. अन्य के खाते में 5 फीसदी वोट पड़ा था.
2018 में जो विधानसभा चुनाव हुए, उसके अनुसार बीजेपी का वोट शेयर 36 फीसद, कांग्रेस और उनके सहयोगियों को 56 फीसद वोट और अन्य के खाते में 8 फीसद शेयर था.
2014 में India Today + CICERO के एग्जिट पोल में, एनडीए को 261-283 सीटें, यूपीए को 110-120 सीट और अन्य को 150-162 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई थी. रिजल्ट के बाद एनडीए को 335 सीटें, यूपीए को 60 सीटें और अन्य को 148 सीटें मिली थीं.