
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार पर संकट के मद्देनजर पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं और विधायकों को मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है. इसके लिए पार्टी ने लिखित फरमान जारी किया है.
जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने अपने फरमान में कहा है कि पार्टी के प्रवक्ता और विधायक टीवी बहस में भाग नहीं लेंगे और ना ही प्रिंट मीडिया को कोई बयान जारी करेंगे. कोई भी विधायक मीडिया से बात नहीं करेगा. इसके साथ ही जेडीएस का कोई इंटरव्यू नहीं होगा. नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले बहुमत और केंद्र में मोदी सरकार की वापसी से कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं.
इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने अपने बेटे और सीएम एचडी कुमारस्वामी से इस्तीफे के बारे में सोचने के लिए कहा है. हालांकि, कुमारस्वामी ने इस्तीफा देने से इंकार करते हुए कहा कि वह इसका मुकाबला करेंगे, लेकिन इस्तीफा नहीं देंगे.
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दरअसल साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कर्नाटक की 225 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37, बसपा को 1, केपीजेपी को 1 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह से किसी भी पार्टी को बहुमत का आंकड़ा नहीं मिला था. बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ ली, लेकिन कांग्रेस-जेडीएस के एक साथ आने से वह बहुमत साबित नहीं कर पाए. इसके बाद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन के साथ राज्य में कुमारस्वामी की सरकार बनाई.
कर्नाटक में लगातार कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं. उनके खिलाफ बीजेपी ने तीन बार ऑपरेशन लोटस चलाया, लेकिन वह फेल हो गए. अब माना जा रहा है कि केंद्र में सरकार बनने के बाद बीजेपी फिर ऑपरेशन लोटस चलाएगी और इस बार बड़ा खेल हो सकता है.