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Kolkata Rally: ममता के साथ विपक्ष ने दिखाई ताकत, कहा- मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट खत्म

West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ आयोजित की गई विपक्षी दलों की रैली में विपक्षी दलों का जमावड़ा दिखा. रैली में शामिल विपक्षी नेताओं ने जमकर केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा. ममता ने कहा कि मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट निकल गई है. अगर वह सत्ता में आई तो देश का विनाश होगा.

CM ममता बनर्जी (फाइल फोटो/PTI) CM ममता बनर्जी (फाइल फोटो/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ आयोजित की गई विपक्षी दलों की रैली में विपक्षी दलों का जमावड़ा दिखा. रैली में शामिल विपक्षी नेताओं ने जमकर केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा. ममता ने कहा कि मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट निकल गई है. अगर वह सत्ता में आई तो देश का विनाश होगा.

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कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में आयोजित यूनाइटेड इंडिया रैली में बीजेपी के बागी नेता शत्रुध्न सिन्हा और अरुण शौरी भी शामिल हुए. बीजू जनता दल (बीजद) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) नीत वाम मोर्चे के अलावा सभी मुख्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने रैली में हिस्सा लिया.

राजनीति में शिष्टता का पालन नहीं कर रही बीजेपीः ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बदलाव की बयार की बात कहते हुए कहा कि मोदी सरकार की समाप्ति का वक्त (एक्सपायरी डेट) आ गया है. उनका समय पूरा हो चुका है. इस मंच पर पूरा हिंदुस्तान दिख रहा है. रैली में 23 से 26 पार्टी के लोग इकट्ठा हुए हैं. मोदी जी को लगता है कि वही बस ईमानदार हैं बाकी सब बेईमान हैं. राजनीति में शिष्टता होती है लेकिन बीजेपी ने कभी इसका पालन नहीं किया. जो बीजेपी के साथ नहीं हैं, उन्हें चोर बता दिया जाता है.

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उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं के हालात पर कहा कि मोदी सरकार ने सभी संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने किसी को नहीं छोड़ा. उन्होंने लालू यादव, अखिलेश यादव और मायावती को नहीं छोड़ा, तो हम लोग आपको क्यों छोड़ेंगे? उन्होंने रैली से आगाह किया कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो देश का विनाश होगा.

ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी को नजरअंदाज किया गया, अगर बीजेपी चुनाव जीतती है तो उन्हें फिर से नजरअंदाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब मौसम बदलता हो तो दिल्ली में बीजेपी की सरकार क्यों नहीं बदलेगी. ममता बनर्जी के मंच से आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी भगाओ और देश बचाओ का वक्त आ गया है. चौकीदार जी जान लें कि थानेदार देश की जनता है. हमारी अनेकता में एकता है. हम सब मिलकर देश को तरक्की की राह पर ले जाने का काम करेंगे.

सच कहना बगावत तो मैं बागीः सिन्हा

विरोधी दलों के मंच से बीजेपी के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी हिस्सा लिया और कहा, 'देश बदलाव चाहता है. लोग मुझसे कहते हैं कि मैं बीजेपी के खिलाफ बोलता हूं, अगर सच कहना बगावत है तो समझ लो मैं भी बागी हूं. हो सकता है कि इस रैली के बाद मैं बीजेपी में ही न रहूं.' उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बगैर आरोप लगाते हुए कहा कि आज के दौर में जो तानाशाही है वो नहीं चलेगी. नोटबंदी और जीएसटी ने देश को बहुत परेशान किया.

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कांग्रेस की ओर से रैली में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने एक संदेश भेजा है कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को खतरा है. संविधान के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को हराना ही होगा. प्रधानमंत्री मोदी का काम समाज को तोड़ना है. वो कहते हैं मैं न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन वो अडानी और अंबानी को खिला रहे हैं.

गठबंधन से देश में खुशीः अखिलेश

ममता के मंच से बोलते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन होने से देश में खुशी की लहर दौड़ गई है और इससे परेशान बीजेपी को उत्तर प्रदेश में एक-एक सीट की रणनीति बनाने के लिए नए सिरे से तैयारी करनी पड़ रही है. विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि वो पूछते हैं कि विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है. जबकि हमारा कहना है कि हम लोग मिलकर प्रधानमंत्री उम्मीदवार का फैसला करेंगे.

मोदी-शाह की जोड़ी ने किया कबाड़ाः केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी रैली में हिस्सा लिया और कहा कि पिछले पांच साल में मोदी और शाह की जोड़ी ने देश का कबाड़ा कर दिया. देश के युवा परेशान हैं, उनके पास नौकरी नहीं है, पीएम ने नौकरी के नाम पर झूठ बोलकर धोखा दिया. आज की तारीख में देश में सवा करोड़ नौकरियां खत्म हो गई हैं. किसान बीजेपी से नाराज हैं और इसका परिणाम उन्हें भुगतना होगा.

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इसी मंच से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर केरल में जारी तनाव पर कहा कि बीजेपी पूरे देश में मंदिरों में कलह पैदा कर रही है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने टेलीकांफ्रेंस के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि वे लोग मोबाइल मीडिया बनें और घर-घर जाकर प्रचार करें.

आजादी के बाद यह दूसरी बड़ी लड़ाईः स्टालिन

ममता बनर्जी की रैली में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी हिस्सा लिया और कहा कि यह आम चुनाव बीजेपी के 'कट्टर हिंदुत्व' के खिलाफ यह लड़ाई आजादी की दूसरी लड़ाई की तरह है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कुछ लोगों से डरते हैं. हम हिंदुत्व और कट्टर हिंदूवाद के जहर को नहीं फैलने देंगे. हमारी अपील नरेंद्र मोदी को हराने और देश को बचाने की है. अगर मोदी फिर से सत्ता में लौटते हैं तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा.

एनडीए सरकार के अंत की शुरुआतः बसपा

ममता की इस रैली में बहुजन समाज पार्टी की ओर से मायावती के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होने वाले राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन केंद्र की 'दलित-विरोधी' और 'अल्पसंख्यक-विरोधी' एनडीए सरकार के अंत की शुरुआत है. केंद्र की बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर करने को लेकर यूपी में किए गए गठबंधन के बाद यह रैली इस दिशा में अगला कदम है. उन्होंने कहा कि इस रैली से पुष्टि हो गई है कि संविधान को सुरक्षित रखने के लिए बीजेपी को हराना जरूरी है.

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बीजेपी के खिलाफ एकजुट हों विपक्षीः अरुण शौरी

इसी मंच से बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को साथ एकजुट होकर लड़ना होगा. सभी विपक्षी दलों को एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए और इसके लिए साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारना चाहिए.

ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग और राष्ट्रपति से मिले विपक्षः फारुक

कोलकाता में ममता बनर्जी की ओर से यूनाइटेड इंडिया रैली में हिस्सा लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'यह किसी एक व्यक्ति को सत्ता से बाहर करने का सवाल नहीं है. देश को बचाने और आजादी के लिए लड़ने वालों के बलिदान का सम्मान की बात है. ईवीएम, एक चोर मशीन है और इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए. ईवीएम का इस्तेमाल रोकने के लिए विपक्षी दलों को चुनाव आयोग और राष्ट्रपति से मिलना चाहिए.

ममता की रैली में पहुंचे यशवंत, बोले-आंकड़ों में बाजीगरी कर रही बीजेपी

ममता की रैली में कभी बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की यह पहली सरकार है जो विकास के आंकड़ों के साथ 'बाजीगरी' कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान शासन में अगर सरकार की तारीफ की जाए तो उसे ‘देशभक्ति’ कहा जाता है और अगर आलोचना करते हैं उसे ‘देश द्रोह’ कहा जाता है. यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के नारे 'सबका साथ, सबका विकास' का मजाक उड़ाते हुए इसे 'सबका साथ, सबका विनाश' करार दिया.

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झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से बीजेपी देश को चला रही है उससे देश में 'हिंसा और अशांति का माहौल' बन गया है. हम सभी को मिलकर सांप्रदायिक ताकतों का माकूल जवाब देना होगा. हमें बीजेपी को न सिर्फ केंद्र से उखाड़ना होगा बल्कि उसे अन्य राज्यों से भी हटाना होगा.

बदले की राजनीति कर रही बीजेपीः कांग्रेस

कांग्रेस की ओर से रैली में शामिल होने वाले अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन का मकसद बीजेपी को चुनाव में हराना और देश में धर्म निरपेक्ष सरकार बनाना है. हमने बदले की ऐसी राजनीति पहले कभी नहीं देखी थी. अमित शाह ने जब उत्तर प्रदेश में 100 रैलियां की तो किसी ने उनसे सवाल नहीं पूछा लेकिन जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रैली का आयोजन किया तो उसे आयकर का नोटिस थमा दिया गया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के गठबंधन का मजाक उड़ाते रहते हैं, लेकिन उनकी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में सबसे अनैतिक गठबंधन किया और इस बारे में वह क्या कहेंगे?

‘सुलग’ रहा पूर्वोत्तर भारतः लालदूहोमा

ममता की ओर से आयोजित रैली में शामिल हुए ‘जोरम नेशनलिस्ट पार्टी’ के नेता लालदूहोमा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के कारण पूर्वोत्तर भारत ‘सुलग’ रहा है. अगर इस विधेयक लागू किया गया तो भारत वह जगह नहीं रहेगा जो वह है. हमें केंद्र में धर्म निरपेक्ष सरकार चाहिए, ताकि यह विधेयक वापस ले लिया जाए या पूर्वोत्तर को छूट मिले. मिजोरम विधानसभा में विपक्ष के नेता लालदूहोमा ने बीजेपी और आरएसएस पर इतिहास को अपने तरह से दोबारा लिखने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम केंद्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं ताकि पूर्वोत्तर के लोग सुरक्षित हो पाएं.

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