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केरल के कोल्लम लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होगा. नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. इस सीट पर राज्य में सत्ताधारी एलडीएफ और यूडीएफ के बीच सीधा मुकाबला है. एलडीएफ की तरफ से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार के.एन. बालागोपाल चुनाव मैदान में हैं. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने एन.के. प्रेम चंद्रन को मैदान में उतारा है जिन्हें यूडीएफ का समर्थन हासिल है. यह सीट फिलहाल यूडीएफ की तरफ से चुनाव लड़े आरएसपी कैंडिडेट एन.के. प्रेमचंद्रन के पास है. इस सीट पर कब्जा बनाये रखना यूडीएफ के लिए चुनौती होगी. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से केवी साबू को टिकट दिया है. इनके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
कोल्लम लोकसभा के तहत सात विधानसभा क्षेत्र-कुन्नाथुर, करुणागपल्ली, चवारा, कुंडारा, कोल्लम, एरवीपुरम और चथानूर विधानसभा क्षेत्र आते हैं. साल 1951 में जब देश में पहली बार चुनाव हुए तो यह इलाका क्यूलो/मावेलिकारा संसदीय क्षेत्र के तहत आता था. इस चुनाव में रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन. श्रीकांतन नायर विजयी हुए थे. लेकिन 1957 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कोडियन विजयी हुए. तबसे अब तक यहां सात बार आरएसपी के कैंडिडेट सांसद बन चुके हैं. पांच बार कांग्रेस और दो बार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यानी माकपा कैंडिडेट विजयी हुए हैं.
साल 2014 में यहां से रीवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) कैंडिडेट एन.के. प्रेमचंद्रन विजयी हुए थे. प्रेमचंद्रन को 4,08,528 वोट मिले थे. वह 37,649 वोटों से विजयी हुए थे. दूसरे स्थान पर रहे माकपा के एम.ए. बेबी को 3,70,879 वोट और तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के पीएम वेलायुधन को 58,671 वोट मिले थे. बहुजन समाज पार्टी के कैंडिडेट एडवोकेट प्रहलादन को 4,266 वोट मिले. नोटा (NOTA) बटन 7,876 लोगों ने दबाया था. साल 2009 के चुनाव में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एन पीताम्बरा कुरुप कुल 3,57,401 वोट पाकर जीते थे. दूसरे स्थान पर माकपा के पी. राजेंद्रन थे.
कांटे की टक्कर
कोल्लम लोकसभा सीट पर यूडीएफ और एलडीएफ के बीच मुकाबला है. यूडीएफ की तरफ से मौजूदा सांसद और आरएसपी नेता प्रेमचंद्रन ही उम्मीदवार हैं, जबकि एलडीएफ की तरफ से के.एन. बालागोपाल उम्मीदवार हैं. केरल में आरएसपी के अस्तित्व के लिए प्रेमचंद्रन की जीत काफी जरूरी है, दूसरी तरफ एलडीएफ के लिए भी यह प्रतिष्ठा की लड़ाई है, क्योंकि उसके पोलित ब्यूरो सदस्य एमएम बेबी को 2014 में यहां से हार मिल चुकी है. बालागोपाल राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं, लेकिन उनके लिए भी लड़ाई आसान नहीं होगी, क्योंकि उनके सामने प्रेमचंद्रन जैसे मजबूत कैंडिडेट हैं.
संसद में बेहतरीन प्रदर्शन
58 वर्षीय सांसद प्रेमचंद्रन का संसद में प्रदर्शन बेहतर रहा है. वह तीसरी बार सांसद हैं. उनके परिवार में पत्नी गीता के अलावा एक बेटा है. पेशे से वकील प्रेमचंद्रन ने बीएससी और एलएलबी तक शिक्षा हासिल की है. वह अपने राजनीतिक संघर्षों के बल पर एक ग्राम पंचायत चुनाव जीतने से लेकर सांसद तक पहुंचे हैं. उन्होंने संसद में 460 सवाल पूछे हैं और 320 बार बहसों और अन्य विधायी कार्यों में हिस्सा लिया है. उन्होंने सात बार प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए हैं. सांसद प्रेमचंद्रन को पिछले पांच साल में सांसद निधि के तहत ब्याज सहित 22.36 करोड़ रुपये मिले जिसमें से वह 17.71 करोड़ रुपये खर्च कर पाए. वह 16वीं लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी हो चुके हैं. उन्हें बहस शुरू करने में उत्कृष्टता दिखाने के मामले में सम्मानित किया गया.
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