
पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मतदान संपन्न हो गया. इस निर्वाचन क्षेत्र में 79.41 प्रतिशत वोटिंग हुई है. पूरे प्रदेश में 81.58 फीसदी मतदान हुआ. 2019 के लोकसभा चुनाव में बहरामपुर सीट से 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने एक बार फिर अपने मौजूदा सांसद अधीर रंजन चौधरी को चुनावी रण में उतारा है, जबकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपूर्बा सरकार को टिकट दिया है. मतदान के दिन सोमवार शाम 5 बजे तक इस सीट पर 76.16 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में 76.47 प्रतिशत मतदान हुआ.
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने आईडी मौहम्मद को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कुशधज बाला और शिवसेना ने आशीष सिंघा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कृष्णा को चुनावी रण में उतारा है, इनके अलावा दो निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं. चुनावी राजनीति का इतिहास बताता है कि इस सीट पर वामपंथी दल रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला रहा है.
अपडेट्स...
-बहरामपुर संसदीय क्षेत्र में दिन के 11 बजे तक 36.11 प्रतिशत मतदान की खबर है. पूरे पश्चिम बंगाल में 11 बजे तक वोटिंग का आंकड़ा 35.10 फीसदी है.
-इस सीट पर दिन के 1 बजे तक 53.51 प्रतिशत मतदान की खबर है. पूरे पश्चिम बंगाल में 1 बजे तक वोटिंग का आंकड़ा लगभग 49 फीसदी है.
-शाम 3 बजे तक इस सीट पर 66 प्रतिशत वोटिंग हुई है. पूरे प्रदेश में 66.29 प्रतिशत मतदान हुआ.
बहरामपुर सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल की राजनीति में दमखम रखने वाले अधीर रंजन चौधरी का दबदबा रहा है. अधीर चौधरी 1999 में बहरामपुर सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की. अधीर चौधरी ने 2004, 2009 और 2014 में लगातार जीत दर्ज की और सांसद चुने गए.
2014 का चुनावी समीकरण
2014 के लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस के इंद्रनील सेन को हराया था. अधीर चौधरी को 5,83,549 वोट मिले थे जबकि इंद्रनील सेन को 2,26,982 को मिले थे जबकि रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के प्रमोथ्स मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहे थे. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में 34 सीटें जीती थीं. जबकि 2 सीटों पर बीजेपी, 4 सीटों पर कांग्रेस और 2 सीटों पर सीपीएम को जीत मिली थी.
वहीं विधानसभा सीटों की बात करें तो बहरामपुर लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की सात सीटें आती हैं. इनमें बर्वान (अनुसूचित जाति), कांदी, भरतपुर, रेजीनगर, बेलडांगा, बरहमपुर और नौदा शामिल हैं. 2004 में केतुग्राम विधानसभा सीट भी बहरामपुर लोकसभा सीट के तहत आती थी, लेकिन 2009 की परिसीमन के बाद उसे अलग कर दिया गया.
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