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जोधपुर लोकसभा सीट पर 69% मतदान, 23 मई को मतगणना के बाद आएंगे नतीजे

राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को चौथे चरण में मतदान हुए. जोधपुर लोकसभा सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव चुनाव मैदान में हैं. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेन्द्र सिंह शेखावत जोधपुर सीट से पार्टी उम्मीदवार हैं. अब 23 मई की मतगणना के साथ ही चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
वरुण शैलेश
  • जोधपुर,
  • 29 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST

राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को चौथे चरण में वोट डाले गए. इस सीट पर 68.42 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. इस चरण में राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों समेत 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए. इस चरण में कुल 64.85 फीसदी मतदान हुए.

जोधपुर लोकसभा सीट से सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत चुनाव मैदान में हैं. वैभव गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेन्द्र सिंह शेखावत चुनाव लड़ रहे हैं. जोधपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है, जिसके चलते इस पर लोगों की निगाह ज्यादा है.

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वहीं, हालिया विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं. वहीं बीजेपी भी इस हार की भरपाई लोकसभा चुनाव से करने की जुगत में है. वैसे तो राजस्थान में दोनों बड़े सियासी दल टारगेट-25 के मिशन पर काम कर रहे हैं.

राजस्थान की हॉट सीट कही जाने वाली जोधपुर कई दशकों से राज्य की सियासत का केंद्र बनी हुई है. ऐसा इसलिए नहीं कि यहां से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सांसद है, बल्कि इसलिए है क्योंकि कभी इस सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जीता करते थे. गहलोत का विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा भी जोधपुर में ही आता है.

जोधपुर संसदीय सीट पर आजादी के बाद से अब तक 16 बार लोकभा चुनाव  और एक बार उपचुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 8 बार कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि 4 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की. वहीं, 4 बार निर्दलीय उम्मीदवार और एक बार भारतीय लोकदल ने जीत का परचम लहराया. इस सीट पर सबसे ज्यादा 8 बार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस 1957, 1967, 1980, 1984, 1991, 1996, 1998, 2009 में जीती. वहीं, साल 1989, 1999, 2004 और 2014 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सीट से पांच बार जीत चुके हैं. माली समुदाय से आने वाले गहलोत ने राजपूतों के वर्चस्व वाली सीट पर सभी सियासी समीकरणों को धाराशाई कर चुके हैं.

जोधपुर लोकसभा क्षेत्र जोधपुर और जैसलमेर के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है. साल 2008 के परिसीमन के बाद यहां का जाट बहुल क्षेत्र पाली में चले जाने से यह सीट राजपूत बहुल हो गई है. इसके अलावा इस सीट पर विश्नोई समाज का भी खासा प्रभाव है. जबकि कुछ इलाकों में मुस्लिम वोट निर्णायक हैं.

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 29 लाख 60 हजार 625 है, जिसका 54.46 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 42.54 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. वहीं, कुल आबादी का 14.91 फीसदी अनुसूचित जाति और 3.46 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है.

साल 2013 के विधानसभा चुनाव और पिछले लोकसभा चुनाव में अपना यह गढ़ बीजेपी के हाथों गंवा बैठी कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त वापसी की. पहले जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 10 सीटें आती थीं, लेकिन 2008 के परिसीमन में यहां की 2 जाट बहुल सीटों को पाली में शामिल कर दिया गया.

हालिया विधानसभा चुनाव में जोधपुर संसदीय क्षेत्र की 8 सीटों में से 6 सीटों पर कांग्रेस ने बाजी मारी, जबकि बीजेपी को महज 2 सीट फलोदी और सूरसागर से संतोष करना पड़ा. जोधपुर संसदीय क्षेत्र में जो विधानसभा सीटें आती हैं, उनमें पोकरण, फलोदी, लोहावट, शेरगढ़, सरदारपुरा, जोधपुर शहर और सूरसागर विधानसभा शामिल हैं.

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साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जोधपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी था.  विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत को दोहराते हुए बीजेपी कांग्रेस का गढ़ रहे इस सीट पर जीत का परचम लहराया. इस चुनाव में 62.4 फीसदी मतदान हुए थे, जिसमें बीजेपी को 66.2 फीसदी और कांग्रेस को 28.1 फीसदी वोट मिले थे.

बीजेपी से गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस से राजघराने की चंद्रेश कुमारी कटोच को 4 लाख 10 हजार 51 मतों के भारी अंतर से पराजित किया था. जहां शेखावत को 7 लाख 13 हजार 515 वोट मिले थे, तो वहीं चंद्रेश कुमारी कटोच को 3 लाख 3 हजार 464 वोटों से संतोष करना पड़ा था.

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