Advertisement

सोनीपत में 70.72 फीसदी वोटिंग , भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिष्ठा दांव पर

Sonipat lok sabha seat 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत सीट से कुल 29 उम्मीदवार चुनाव लड़े. सोनीपत लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मुकाबला बीजेपी के रमेश कौशिक से है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Getty Images) प्रतीकात्मक तस्वीर (Getty Images)
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2019,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST

हरियाणा की सोनीपत सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण में रविवार को वोट डाले गए. चुनाव आयोग के मुताबिक सोनीपत में कुल 70.72 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 70.21 फीसदी मतदान दर्ज किया गया.

सोनीपत लोकसभा सीट जाटों के प्रभाव के अनुपात के लिहाज से हरियाणा की दूसरे नंबर की बड़ी सीट मानी जाती है. लेकिन यहां से दो बार अन्य उम्मीदवार भी बाजी मार चुके हैं.  2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर रमेश कौशिक पर दांव खेला है.

Advertisement
चुनाव मैदान में उतरे ये उम्मीदवार

2019 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत सीट से कुल 29 उम्मीदवार चुनाव लड़े, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बार फिर अपने मौजूदा सांसद रमेश चंद्र कौशिक को चुनाव मैदान में उतारा तो वहीं कांग्रेस ने कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अपना उम्मीदवार बनाया. इनके अलावा 14 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़े.

सोनीपत लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मुकाबला बीजेपी के रमेश कौशिक से रहा. हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री और चार बार सांसद रहे भूपेंद्र हुड्डा अबकी बार अपने दुर्ग को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए.

2014 का चुनावी समीकरण

2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के रमेश चंद्र कौशिक ने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को हराया था. बीजेपी उम्मीदवार कौशिक को 35 फीसदी वोट शेयर के साथ 3,47,203 वोट मिले थे जबकि कांग्रेसी उम्मीदवार को 27.35 फीसदी वोट शेयर के साथ 2,69,789 वोट मिले थे. वहीं 2014 में सोनीपत के 2403 मतदाताओं ने नोटा के बटन का इस्तेमाल किया था.

Advertisement

लोकसभा सीट का सियासी इतिहास

पिछले 20 साल के दौरान सोनीपत लोकसभा सीट पर तीन बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है. सबसे लंबे वक्त तक बीजेपी के किशन सिंह सांगवान सोनीपत सीट से सांसद रहे. सांगवान 1998 से लेकर 2009 तक सांसद थे. जबकि 2009 में यहां से कांग्रेस के जितेंदर सिंह मलिक ने जीत दर्ज की थी और फिर 2014 में बीजेपी के कौशिक ने ही जीत की बाजी मारी.

सोनीपत लोकसभा में अभी तक 11 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें 9 बार जाट उम्मीदवार ने जीत हासिल की है. जबकि दो बार गैट जाट उम्मीदवार को कामयाबी मिली है. पहली बार 1996 में अरविंद शर्मा सोनीपत से निर्दलीय चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी, जबकि दूसरी बार 2014 में गैर जाट उम्मीदवार रमेश चंद्र कौशिक ने जीत हासिल की.

कांग्रेस हर बार बदलती है उम्मीदवार

सोनीपत लोकसभा सीट पर कांग्रेस ज्यादातर अपना उम्मीदवार बदलती है, यानी पुराने उम्मीदवार को अगली बार मौका नहीं मिलता. 2014 में जगबीर मलिक को टिकट दिया गया था. इससे पहले 2009 में जितेंद्र मलिक को चुनावी रण में उतारा था. जबकि 2004 में धर्मपाल मलिक को उम्मीदवार बनाया और 1999 में चिरंजी लाल शर्मा और 1998 में बलबीर सिंह को कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा था.

Advertisement

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement