
छिंदवाड़ा संसदीय सीट मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. 2019 के लोकसभा चुनाव में चौथे चरण में सोमवार को छिंदवाड़ा समेत राज्य की 6 सीटों पर वोट डाले गए. निर्वाचन आयोग के मुताबिक छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर 82 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. चुनाव के नतीजे 23 मई को आएंगे.
इस संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय के अलावा जो उम्मीदवार मैदान में हैं, उनमें नकुल कमल नाथ (कांग्रेस), ज्ञानेश्वर गजभिए (बहुजन समाज पार्टी), नाथनसाहा कुरैती(भारतीय जनता पार्टी), मनमोहन शाह बट्टी(अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी), एडवोकेट राजकुमार सरयाम(गोंडवाना गणतंत्र पार्टी), राजेश तांत्रिक(अहिंसा समाज पार्टी), एमपी विश्वकर्मा (राष्ट्रीय आमजन पार्टी), शामिल हैं. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों में रामदास उईके, जोगीलाल इरपाची, दिनेश सिंह उईके, धनीराम यदुवंशी, रामेश्वर धुर्वे, सुभाष शुक्ला और हेमेंद्र गौहर मैदान में हैं.
सीट का राजनीतिक समीकरण
यह संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ रहा है. कमलनाथ साल 1980 से इस सीट से लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं. छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ को सिर्फ एक बार निराश किया है, जब 1997 में उन्हें यहां से हार मिली. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली कामयाबी के बाद कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. अब उनकी इस पारंपरिक संसदीय सीट से उनके बेटे नकुलनाथ चुनाव मैदान में हैं.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ को जीत मिली थी. उन्होंने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को हराया था. कमलनाथ को 5,59,755(50.54 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं चंद्रभान सिंह को 4,43,218(40.02 फीसदी) वोट मिले थे. यानी दोनों के बीच जीत हार का अंतर 1,16,537 वोटों का था.
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2009 का जनादेश
2009 के लोकसभा चुनाव में भी कमलनाथ को ही जीत मिली थी. उन्होंने बीजेपी के मारोत रॉव को हराया था. कमलनाथ को इस चुनाव में 4,09,736(49.41 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं मारोत रॉव को 2,88,516(34.79 फीसदी) वोट मिले थे. कमलनाथ को इस चुनाव में 1,21,220 वोटों से जीत मिली थी.
लोकसभा के लिये मध्यप्रदेश में चौथे चरण के मतदान में 6 सीटों को शामिल किया गया है. जिसमें छिंदवाड़ा, जबलपुर, शहडोल, बालाघाट, मंडला और सीधी हैं. इन 6 संसदीय क्षेत्रों के 13 जिलों में 28 हजार 959 बैलेट यूनिट, 18 हजार 486 कंट्रोल यूनिट और 19 हजार 254 वीवीपैट का इस्तेमाल होना है.
सामाजिक ताना-बाना
छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में स्थित है. देश के कई नामी कंपनियों की फैक्ट्री इस शहर में है. छिंदवाड़ा को देश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता था. लेकिन आज छिंदवाड़ा के पास विकास का अपना एक मॉडल है. इस शहर में कमलनाथ ने ना केवल सड़कों का जाल बिछाया बल्कि शहर को एक एजुकेशन हब के तौर पर भी विकसित किया.
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2011 की जनगणना के मुताबिक छिंदवाड़ा की जनसंख्या 2090922 है. यहां की 75.84 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 24.16 फीसदी शहरी क्षेत्र में रहती है. छिंदवाड़ा में 11.11 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 36.82 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 14,01,277 मतदाता थे. इनमें से 6,79,795 महिला मतदाता और 7,21,482 पुरुष मतदाता थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 79.03 फीसदी मतदान हुआ था.
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