
मध्य प्रदेश की मुरैना लोकसभा सीट पर छठवें चरण में 12 मई को वोट डाले गए. इस बार यहां पर 61.97 फीसदी मतदान हुआ, जबकि पिछली बार साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 49.95 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. इस बार छठवें चरण में 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई और कुल मतदान 64.39 फीसदी रिकॉर्ड किया गया.
इस दौरान चुनाव आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी. अब यहां पर 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी और फिर चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
मुरैना लोकसभा सीट से कांग्रेस ने रामनिवास रावत, बीजेपी ने नरेंद्र सिंह तोमर, बसपा ने करतार सिंह भड़ाना, विश्व शक्ति पार्टी ने अशोक राजौरिया, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने धारा सिंह, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने नरेंद्र सिंह, स्वतंत्र जनताराज पार्टी ने पवन कुमार गोयल, भारत प्रभात पार्टी ने भंते प्रभात रतन, राष्ट्र निर्माण पार्टी ने रंधीर सिंह राहुल, अखंड राष्ट्रवादी पार्टी ने राजेश सिंह भदौरिया, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी ने रामलखन मीणा, हिंदुस्तान निर्माण दल ने विवेक और शिवसेना ने संजू शर्मा का नाम शामिल है.
इसके अलावा बतौर निर्दलीय उम्मीदवार तेजपाल यादव, तौफीन खान, धीरज सिंह, प्रभु सिंह, बजुद्दीन बाज, महबूब खान, मुन्ना, राजवीर, लक्ष्मी बघेल, सुमित मिश्रा और सोनू अग्रवाल भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यह लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है और मध्य प्रदेश में बीजेपी के मजबूत किलों में से एक है.
इस सीट पर बीजेपी पिछले 6 चुनावों से जीत हासिल करती आ रही है. कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत साल 1991 में जीत मिली थी. फिलहाल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा यहां से बीजेपी सांसद हैं.
2014 और 2009 का जनादेश
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अनूप मिश्रा ने बसपा के वृन्दावन सिंह सिकरवार को हराया था. इस चुनाव में अनूप मिश्रा को 3 लाख 75 हजार 567 (43.96 फीसदी) वोट मिले थे, तो वहीं वृन्दावन सिंह सिकरवार को 2 लाख 42 हजार 586 (28.4 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 1 लाख 32 हजार 981 वोटों का था.
बता दें कि वृन्दावन सिंह सिकरवार पहले कांग्रेस में थे. चुनाव से पहले उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया. वहीं कांग्रेस के डॉ.गोविंद इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे. उनको 1 लाख 84 हजार 253 (21.57 फीसदी) वोट मिले थे.
इससे पहले साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी यहां से जीती थी. नरेंद्र तोमर ने कांग्रेस के रामनिवास रावत को हराया था. तोमर को 3 लाख 647 (42.3 फीसदी) वोट मिले थे. वहीं रामनिवास को 1 लाख 99 हजार 650 (28.09 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 1 लाख 997 वोटों का था. बसपा के बलवीर सिंह 19.99 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे.
मुरैना में 19.97 फीसदी अनुसूचित जाति और 6.73 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग रहते हैं. चुनाव आयोग के 2014 के आंकड़े के मुताबिक साल 2014 में यहां पर कुल 1702492 मतदाता थे. इनमें से 938466 पुरूष और 764026 महिला मतदाता थे. इस क्षेत्र में दलित और ठाकुर जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है. ब्राह्मण मतदाता भी यहां पर चुनाव में किसी भी उम्मीदवार की जीत में अहम भूमिका निभाते हैं.
विधानसभा की 8 सीटें
मुरैना संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. इनमें माधवपुर, विजयपुर, सबलगढ़, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह विधानसभा सीटें शामिल हैं. यहां की 8 विधानसभा सीटों में से 7 पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि बीजेपी के पास एक सीट है.
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