
'खामोश' ऐसा कहने वाले एक्टर से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा 16वीं लोकसभा में पूरी तरह से खामोश रहे. उन्होंने पिछले पांच साल में लोकसभा में एक भी सवाल नहीं पूछा और न ही किसी चर्चा में हिस्सा लिया. इतना ही नहीं, उन्होंने इस दौरान सदन के पटल पर कोई प्राइवेट मेंबर बिल भी नहीं रखा. हालांकि सांसद निधि से खर्च करने के मामले में उन्होंने गजब का रिकॉर्ड बनाया. बीते 5 वर्षों में सांसद निधि खर्च करने के मामले में शत्रुघ्न सिन्हा बाकी सांसदों से कहीं आगे हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा बिहार के पटना साहिब से सांसद हैं. उन्होंने बीजेपी के टिकट पर पटना साहिब से दूसरी बार साल 2014 में लोकसभा चुनाव जीता था. अब वो भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने की योजना में हैं. साल 2014 से लेकर 2019 तक लोकसभा में शत्रुघ्न सिन्हा ने भले ही एक भी सवाल नहीं पूछा हो, लेकिन सदन से बाहर अपनी पुरानी पार्टी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते रहे.
लोकसभा में सवाल पूछकर सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों का जायजा लेते हैं. साथ ही इस बात को लेकर सवाल उठाते हैं कि उनके इलाके में सरकार की ओर चलाई जा रहीं तमाम योजनाओं में से उनके संसदीय क्षेत्र में कौन सी योजना का लाभ पहुंचा और कौन सी योजना का लाभ नहीं पहुंचा. इसके जरिए सांसद सरकार की जवाबदेही भी बतलाते हैं. किसी भी सांसद द्वारा कोई सवाल पूछा जाता है या चर्चा के दौरान जो बात कही जाती है, वह लोकसभा की कार्यवाही में दर्ज होती है.
सवाल पूछने और चर्चा में शामिल होने से इस बात का पता चलता है कि स्थानीय सांसद अपने इलाके के बारे में कितना फिक्रमंद है. इसके अलावा सांसद 60 प्राइवेट मेंबर बिल पेश कर सकते हैं. वहीं, 16वीं लोकसभा में एनसीपी की सुप्रिया सुले ने एक हजार 181 सवाल, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने एक हजार 25 सवाल और कांग्रेस के राजीव सातव ने एक हजार 115 सवाल पूछे.
लोकसभा में नए नवेले सांसद नहीं हैं शत्रुघ्न सिन्हा
पिछले पांच साल से लोकसभा में एक भी सवाल नहीं पूछने का रिकॉर्ड बनाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा पहली बार सांसद नहीं बने हैं. वो सदन में नए नवेले सांसद नहीं हैं, बल्कि दूसरी बार लोकसभा सांसद चुने गए हैं. इससे पहले वो दो बार साल 1996 से लेकर 2008 तक राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. इतना ही नहीं, वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के अलावा केंद्रीय शिपिंग मंत्री रह चुके हैं.
बीजेपी ने शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काटा
शत्रुघ्न सिन्हा कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के नेतृत्व पर हमला बोलते नजर आए हैं. बीजेपी नेतृत्व पर हमले को लेकर वो सुर्खियों में भी खूब रहे. सार्वजनिक रूप से बीजेपी नेतृत्व पर हमला बोलने के चलते पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट भी काट दिया है. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने शत्रुघ्न सिन्हा की पटना साहिब सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है.
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