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बरेली लोकसभा सीट: संतोष गंगवार के गढ़ में आसान नहीं विरोधियों की राह!

Bareilly Loksabha constituency 2019 का लोकसभा चुनाव अपने आप में ऐतिहासिक होने जा रहा है. लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश की बरेली लोकसभा सीट क्यों है खास, इस लेख में पढ़ें...

BJP सांसद संतोष गंगवार BJP सांसद संतोष गंगवार
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

झुमकों के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश की बरेली लोकसभा सीट राजनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. पिछले करीब तीन दशक से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का एक छत्र राज रहा है. यहां से सांसद संतोष गंगवार कई बार इस सीट पर चुनाव जीत चुके हैं और इस समय केंद्र सरकार में मंत्री है. बरेली क्षेत्र में संतोष गंगवार का राजनीतिक दबदबा है. 2019 में एक बार फिर बीजेपी को उम्मीद रहेगी कि संतोष गंगवार पार्टी के लिए यहां से कमल खिलाएं.

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बरेली लोकसभा सीट का इतिहास

बरेली लोकसभा सीट पर अभी तक 16 बार बार चुनाव हुए हैं, इनमें से 7 बार भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी है. जिसमें से 6 बार तो लगातार जीत दर्ज की गई थी. 1952, 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की. लेकिन 1962 और 1967 के चुनाव में यहां कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा और भारतीय जनसंघ ने यहां जीत दर्ज की. हालांकि, उसके बाद हुए तीन चुनाव में से दो बार कांग्रेस चुनाव जीती.

1989 के चुनाव में यहां बीजेपी की ओर से संतोष गंगवार जीते, जिसके बाद तो उन्होंने इस क्षेत्र को अपना गढ़ बना लिया. 1989 से लेकर 2004 तक लगातार 6 बार संतोष गंगवार यहां से चुनाव जीते. हालांकि, 2009 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन 2014 में एक बार फिर वह बड़े अंतर से जीत कर लौटे.

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बरेली लोकसभा सीट का समीकरण

बरेली लोकसभा सीट पर वैश्य, दलित और मुस्लिम वोटरों का वर्चस्व रहा है. 2014 लोकसभा चुनाव में यहां कुल 16 लाख से अधिक मतदाता थे, इनमें करीब 9 लाख पुरुष और 7.5 लाख महिला मतदाता हैं. बरेली जिले में मुस्लिम जनसंख्या की तादाद भी बड़ी संख्या में है.

इस लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें मीरगंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, बरेली और बरेली छावनी की सीटें आती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सभी 5 सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा रहा था.

2014 में कैसा रहा था जनादेश

पिछले लोकसभा चुनाव में यहां समूचे उत्तर प्रदेश की तरह मोदी लहर का असर दिखा था. बीजेपी के संतोष गंगवार को इस सीट पर 50 फीसदी से अधिक वोट प्राप्त हुआ था. जबकि दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को सिर्फ 27 फीसदी वोट मिले थे. 2014 के चुनाव में यहां कुल 61 फीसदी मतदान हुआ था, इनमें से 6700 वोट NOTA में गए थे.

सांसद का प्रोफाइल और प्रदर्शन

स्थानीय सांसद संतोष गंगवार इस क्षेत्र के दिग्गज नेता रहे हैं. वह यहां से सात बार सांसद चुने गए हैं, जिनमें से 6 बार तो उन्होंने लगातार चुनाव जीता था. संतोष गंगवार अपने क्षेत्र में काफी स्वच्छ छवि रही है. संतोष गंगवार अभी केंद्र सरकार में मंत्री हैं और कई कमेटियों का हिस्सा भी हैं. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, संतोष गंगवार के पास 3 करोड़ से अधिक संपत्ति है. अपने सांसद निधि फंड से उन्होंने लगभग 99 फीसदी राशि खर्च कर ली है.

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