
उत्तर प्रदेश में कई लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट इन्हीं में से एक है. यहां पर 50 फीसदी से भी अधिक जनसंख्या मुस्लिम आबादी की है, ये क्षेत्र समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है. हालांकि, 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी के नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी. 2014 में उत्तर प्रदेश से कोई भी मुस्लिम सांसद चुनकर नहीं गया था, जो कि इतिहास में पहली बार हुआ था.
रामपुर लोकसभा सीट का इतिहास
आजादी के बाद से ही इस सीट की गिनती मुस्लिम बहुल सीटों में से होती रही. 1952 में हुए चुनाव में यहां से कांग्रेस की ओर से डॉ. अबुल कलाम आज़ाद ने जीत दर्ज की थी. 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की, 1977 में एक बार भारतीय लोकदल के प्रत्याशी यहां से जीते. लेकिन दोबारा कांग्रेस का दबदबा इस सीट पर रहा.
कांग्रेस के ज़ुल्फिकार अली खान ने लगातार तीन बार यहां से चुनाव जीत. ज़ुल्फिकार कुल 5 बार इस सीट से सांसद रहे. 1991 और 1998 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. 1998 में मुख्तार अब्बास नकवी यहां से जीते थे. उसके बाद 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी की तरफ से बॉलीवुड अभिनेत्री जयाप्रदा यहां से सांसद चुनी गई थीं. यहां हुए कुल 16 चुनाव में से दस बार कांग्रेस जीती है.
रामपुर लोकसभा सीट का समीकरण
रामपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख से अधिक मतदाता हैं, इनमें 872084 पुरुष और 744900 महिला वोटर हैं. 2014 में यहां कुल 59.2 फीसदी वोट पड़े थे, इनमें से भी 6905 NOTA को गए थे. 2011 की जनगणना के अनुसार रामपुर क्षेत्र में कुल 50.57 % मुस्लिम आबादी है, जबकि 45.97 % हिंदू जनसंख्या है.
रामपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें सुआर, चमरौआ, बिलासपुर, रामपुर और मिलक शामिल है. इनमें बिलासपुर और मिलाक सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. जबकि अन्य तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहा था. यहां की रामपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के आजम खान विधायक हैं.
2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
2014 में हुए लोकसभा चुनाव दौरान इस सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. बीजेपी के नेपाल सिंह को 37.5 फीसदी और समाजवादी पार्टी के नसीर अहमद खान को 35 फीसदी वोट मिले थे. नेपाल सिंह की जीत का अंतर मात्र 23,435 वोटों का ही था.
नेपाल सिंह, भारतीय जनता पार्टी, कुल वोट मिले 358,616, 37.5%
नसीर अहमद खान, समाजवादी पार्टी, कुल वोट मिले 335,181, 35.0%
नवाब खान, कांग्रेस, कुल वोट मिले 156,466, 16.4%
सांसद नेपाल सिंह का प्रोफाइल
78 वर्षीय नेपाल सिंह का राजनीतिक अनुभव काफी लंबा रहा है, 2014 में उन्होंने हर किसी को चौंकाते हुए जीत दर्ज की थी. सांसद चुने जाने से पहले वह 5 बार विधायक रह चुके हैं, उत्तर प्रदेश की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. हाल में सेना के जवानों को लेकर दिए गए बयान के कारण वह विवादों में भी घिरे थे, उन्होंने कहा था कि अगर सेना के जवान हैं तो जान तो जाएगी ही. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल सिंह के पास कुल 2.71 करोड़ की संपत्ति है, इनमें से 1.78 करोड़ की अचल और बाकी चल संपत्ति है.
संसद में नेपाल सिंह का प्रदर्शन
16वीं लोकसभा के सबसे उम्रदराज सांसदों में से एक नेपाल सिंह ने सदन की कुल 19 बहस में हिस्सा लिया है. इस दौरान उन्होंने 38 सवाल पूछे, एक प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया. नेपाल सिंह संसद की कई कमेटियों का हिस्सा हैं. इनमें ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट की स्टैंडिंग कमेटी, रूल्स कमेटी, आईटी मंत्रालय की कमेटी भी शामिल है. सांसद निधि के तहत मिलने वाले 25 करोड़ रुपये के फंड में से उन्होंने कुल 96.24 फीसदी रकम खर्च की.