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भद्रक ओडिशा का सुरक्षित (अनुसूचित जाति) लोकसभा सीट है. इस शहर का नाम मशहूर भद्रकाली मंदिर के नाम पर पड़ा है. ये मंदिर सालंदी नदी के किनारे स्थित है. भद्रक लोकसभा सीट का विस्तार बालेश्वर और भद्रक जिले में हैं. एक जिले के रुप में भद्रक 1 अप्रैल 1993 को वजूद में आया. भद्रक लोकसभा सीट पिछले 20 साल से बीजू जनता दल की राजनीति का केन्द्र बना रहा है. मौजूदा सांसद अर्जुन चरण सेठी अलग-अलग दलों के टिकट पर इस सीट से 8 बार सांसदी का चुनाव जीत चुके हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
भद्रक लोकसभा सीट कांग्रेस और बीजू जनता दल का वर्चस्व रहा है. आजादी के बाद हुए चुनावों में यहां से कांग्रेस ने जीत हासिल की. 1951, 57 और 62 में कान्हू चरण जेना सांसद बने. 1967 में स्वतंत्र पार्टी के धरणीधर जेना को जीत मिली. 1971 में कांग्रेस ने फिर वापसी की, 1977 में ये सीट जनता पार्टी के बैरागी जेना ने जीती. 1980 और 84 में एक बार फिर से कांग्रेस ने इस सीट पर दबदबा कायम किया. 1989 और 1991 में जनता दल यहां वापसी करने में सफल रही. 1996 में कांग्रेस ने ये सीट फिर से जनता दल से छीन ली. दिसंबर 1997 में बीजू जनता दल का गठन होने के बाद अर्जुन चरण सेठी नवीन पटनायक के साथ हो लिए. उसके बाद से अबतक के हर लोकसभा चुनाव में इस सीट पर अर्जुन चरण सेठी जीतते रहे हैं.
सामाजिक ताना-बाना
अमूमन शांत रहने वाला भद्रक 2017 में तब चर्चा में आया था जब यहां बड़े पैमाने पर दंगे हुए. तब 2 दिनों तक शहर में सोशल मीडिया बैन कर दिया गया था. हिंसा और आगजनी की वजह से शहर की साख को काफी नुकसान पहुंचा.
भद्रक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की मिली जुली आबादी रहती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक इस जिले की आबादी 20 लाख 79 हजार 961 है. यहां की लगभग 90 फीसदी जनसंख्या गांवों में रहती है. जबकि 10 फीसदी आबादी शहर में रहती है. कुल जनसंख्या में 22.51 फीसदी अनुसूचित जाति है. जबकि अनुसूचित जनजाति का आंकड़ा 2.85 प्रतिशत है.
भद्रक लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. ये सीटें हैं सोरो, सिमुलिया, भंडारीपोखरी, भद्रक, बासुदेबपुर, धामनगर, चंदाबाली. 2014 के विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के कैंडिडेट विजयी रहे थे.
2014 के लोकसभा चुनाव के मुताबिक भद्रक सीट पर मतदाताओं की संख्या 14 लाख 69 हजार 498 थी. यहां पर पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 74 हजार 566 थी. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 6 लाख 94 हजार 932 थी. इस सीट पर 2014 में 73.59 प्रतिशत मतदान हुआ था.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में भद्रक से जीतकर अर्जुन चरण सेठी ने रिकॉर्ड कायम कर दिया. वह इस सीट से आठवीं बार चुने गए. देश में मोदी लहर के बावजूद इस सीट पर उनकी बादशाहत कायम रही. उन्हें 5 लाख 2 हजार 338 वोट मिले. कांग्रेस के संग्राम केशरी जेना को 3 लाख 22 हजार 979 वोट मिले. 2 लाख 16 हजार 617 वोट लाकर बीजेपी के शरत दास तीसने नंबर पर रहे. बाकी अन्य दलों का यहां कोई खास वजूद नहीं है.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
77 साल के अर्जुन चरण सेठी भद्रक लोकसभा क्षेत्र की जानी मानी शख्सियत हैं. 1971 में वह पहली बार इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए थे. 1980 में वह कांग्रेस के टिकट पर यहां से फिर चुनाव जीते. 10 साल बाद 1991 में जनता दल के टिकट पर उन्होंने एक बार फिर से लोकसभा में एंट्री ली. इसके बाद 1998 से वह इस सीट से बीजेडी के टिकट पर लगातार जीतते रहे हैं. 2000 से 2004 के बीच वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री रहे.
अर्जुन चरण सेठी 3 बेटों और 2 बेटियों के पिता हैं. सांसद महोदय के बायो डाटा के मुताबिक राजनीति के अलावा खेती-बारी में उनकी विशेष रुचि है. वह फुटबॉल और वॉलीबाल भी खेलते हैं.
संसद में उनके प्रदर्शन की बात करें तो वह लोकसभा की 321 बैठकों में से 256 दिन सदन में मौजूद रहे. संसद में उन्होंने 32 सवाल पूछे. लोकसभा की एक डिबेट में उन्होंने शिरकत किया. सांसद निधि के पैसे खर्च करने में इनका प्रदर्शन उम्दा रहा है. पांच साल में सांसदों को आवंटित होने वाले 25 करोड़ रुपये में से उन्होंने विकास के कार्यों पर 21.08 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.