Advertisement

वडकरा लोकसभा सीटः बीजेपी का बढ़ना कांग्रेस के लिए खतरा, माकपा मार सकती है बाजी

Lok Sabha Kerala Vadakara साल 2009 में कांग्रेस ने यह सीट माकपा से छीन ली थी और 2014 में भी उसके कैंडिडेट एम रामचंद्रन विजयी हुए. लेकिन कांग्रेस के सामने चुनौती यह है कि उसका वोट घट रहा है, जबकि बीजेपी यहां तीसरी ताकत के रूप में उभर रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:03 AM IST

वडकरा केरल के कोझिकोड जिले में एक समुद्रतटीय शहर है. इसे वटकरा भी उच्चारित करते हैं और इसका पुराना नाम बडागरा है. ब्रिटिश राज में यह इलाका मद्रास राज्य के मालाबार जिले का हिस्सा रहा है. वडकरा में ही प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर लोकनाकार्यू स्थित है. वडकरा शहर कोझिकोड से करीब 50 किमी उत्तर और कन्नूर से करीब 44 किमी. दक्षिण की ओर स्थित है.

Advertisement

इस संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं-थलास्सेरी, कुथुपरम्बा, वटाकरा, नदापुरम, कुट्टीयाडी, कोयिललैंडी, पेरम्बरा. साल 1957 में हुए पहले आम चुनाव में यह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के के.बी. मेनन विजयी हुए थे. 1971 में पहली बार कांग्रेस कैंडिडेट के.पी. उन्नीकृष्णन को जीत मिली, तब से अब तक कुल चार बार कांग्रेस कैंडिडेट को जीत मिल चुकी है.

उन्नीकृष्णन यहां से छह बार सांसद रह चुके हैं. हालांकि, एक बार वह कांग्रेस (यूआरएस) और तीन बार कांग्रेस (सोशलिस्ट) के टिकट पर जीते थे. साल 1996 में यहां पहली बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी माकपा के कैंडिडेट ओ. भारतन को जीत मिली. इसके साथ ही 1996 से 2004 तक यहां लगातार चार बार माकपा जीती. लेकिन 2009 में कांग्रेस ने यह सीट छीन ली और उसके कैंडिडेट मुल्लप्पल्ली रामचंद्रन विजयी हुए.

Advertisement

एम. रामचंद्रन दूसरी बार जीते लेकिन वोट घटे

साल 2014 में फिर एम. रामचंद्रन जीते और फिलहाल वही सांसद हैं. वह यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी यूडीएफ की तरफ से कैंडिडेट थे. लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की तरह से उम्मीदवार माकपा के ए.एन. शमसीर दूसरे स्थान पर थे. कांग्रेस के एम. रामचंद्रन को 4,16,479 वोट यानी करीब 43 फीसदी वोट मिले. दूसरे स्थान पर रहे माकपा कैंडिडेट ए.एन. शमसीर को कुल 4,13,173 वोट मिले. कांग्रेस के सामने चुनौती यह है कि उसका वोट घट रहा है. पिछले चुनाव में रामचंद्रन के वोट में करीब साढे़ पांच फीसदी की कमी आई है, जबकि बीजेपी यहां तीसरी ताकत के रूप में उभर रही है और उसके वोट में 3 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई थी. हालांकि, बीजेपी कैंडिडेट वी.के. सजीवन को महज 76,313 वोट ही मिल पाए थे.

बीजेपी के बढ़ते वोट की वजह से ही कांग्रेस कैंडिडेट की जीत महज 3,306 वोटों से हुई थी. नोटा यानी बटन 6,107 लोगों ने दबाया था. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आॅफ इंडिया के पी. अब्दुल हमीद मास्टर को 15,058 वोट, आम आदमी पार्टी के अली अकबर को 6,245 वोट मिले थे. बहुजन समाज पार्टी के ससीन्द्रन को 2,150 वोट मिले.

लेफ्ट डेमाक्रेटिक फ्रंट का हिस्सा बन चुके शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) को उम्मीद है कि इस बार यह सीट उसके खाते में जाएगी.

Advertisement

वडकरा संसदीय क्षेत्र केरल के कन्नूर और कोझिकोड जिले में स्थित है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इन जिलों की कुल जनसंख्या 16,07,127 है, जिनमें से 31.07 फीसदी ग्रामीण और 68.93 फीसदी शहरी जनसंख्या है. इस जनसंख्या में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अनुपात क्रमशः 3.74 और 0.38 फीसदी है.  

संसद में बढ़िया प्रदर्शन

74 वर्षीय एम रामचंद्रन सातवीं बार सांसद हैं. वे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और केरल कांग्रेस के महासचिव एवं उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा है. उन्होंने एमए, एलएलबी तक पढ़ाई की है और एक एडवोकेट और सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं. पिछले पांच साल में संसद में उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. संसद में उनकी उपस्थिति करीब 94 फीसदी रही. उन्होंने 628 सवाल पूछे और 162 बार बहसों और अन्य विधायी कार्यों में हिस्सा लिया. उन्होंने 15 प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए. पिछले पांच साल में सांसद विकास निधि के तहत ब्याज सहित 21.65 करोड़ रुपए मिले और उन्होंने कुल 17.26 करोड़ रुपए खर्च किए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement