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तमिलनाडु: क्या तिरुप्पुर लोकसभा सीट पर AIADMK लगाएगी जीत की हैट्रिक?

Tiruppur Lok Sabha Constituency दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करना एआईएडीएमके और डीएमके दोनों बड़ी पार्टियों के लिए कड़ी चुनौती है.  तिरुप्पुर लोकसभा सीट पर लगातार दो बार AIADMK को जीत मिली है. ऐसे में एक तरफ जहां डीएमके सूखा खत्म करके जीतने की कोशिश करेगी वहीं एआईएडीएमके के लिए जीत की हैट्रिक लगाना चुनौतीभरा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव) प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST

तिरुप्पुर लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और 2009 में यहां पहली बार संसदीय चुनाव हुए. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने  सीट पर जीत का परचम लहराया और पार्टी के सी. सिवासामी तिरुप्पुर लोकसभा सीट के पहले सांसद बने. वहीं 2014 में हुए चुनाव में भी एआईएडीएमके ने जीत हासिल की और वी. सत्‍यबामा इस सीट पर पहली महिला सांसद बनीं.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

अस्तित्व में आने के बाद से ही  तिरुप्पुर लोकसभा सीट अन्नाद्रमुक का गढ़ रही है. यहां दो बार ( 2009 और 2014) चुनाव हुए और दोनों में ही एआईएडीएमके ने जीत हासिल की है. 2009 में एआईएडीएमके के के. सिवासामी ने अपने प्रतिद्वंदी और कांग्रेस उम्मीदवार एस. के. खरवेंथन को हराया था तो वहीं 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके की वी. सत्‍यबामा ने 1,79,315 वोटों से अपने प्रतिद्वंदी और डीएमडीके प्रत्याशी एन. दिनेशकुमार को मात देकर जीत दर्ज की. 2014 लोकसभा चुनाव में कुल 76.34 फीसदी मतदान हुआ था. जिसमें एआईएडीएमके को  42.16 फीसदी, डीएमके को 19.56 फीसदी और कांग्रेस को 4.53 फीसदी वोट मिले थे. वहीं 2009 में 74.64 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें  एआईएडीएमके को  39.87 फीसदी, डीएमके को 1.55% फीसदी और कांग्रेस को 28.36 फीसदी वोट मिले थे.

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सामाजिक ताना-बाना

तिरुप्पुर लोकसभा सीट तमिलनाडु राज्य के इरोड और तिरुप्पुर जिले के अंतर्गत आती है. 2001 से 2011 तक तिरुप्पुर की जनसंख्या वृद्धि दर 29 फीसदी थी, जिससे यह भारत का 176वां सबसे अधिक आबादी वाला जिला बन गया. 2011 की जनगणना के अनुसार तिरुप्पुर संसदीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या 19,29,965 है. जिसमें से 37.66 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं, जबकि 62.34 फीसदी शहरी आबादी है. इनमें 12.57  फीसदी अनुसूचित जाति (SC) और 0.43 फीसदी अनुसूचित जनजाति (ST) के लोग शामिल हैं. तिरुप्पुर संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. जिसमें पेरुंदुरई (Perundurai), भवानी (Bhavani),अंतूर (Anthiyur), गोबीचेट्टीपलयम (Gobichettipalayam), तिरुप्पुर नॉर्थ (Tiruppur North) और तिरुप्पुर साउथ (Tiruppur South) शामिल हैं.

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके उम्मीदवार वी. सत्‍यबामा को 13,75,589 में से 4,42,778 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंदी और डीएमडीके प्रत्याशी  एन. दिनेशकुमार को  2,63,463 वोट मिले थे, वहीं डीएमके को 2,05,411 और कांग्रेस को 47,554 वोट मिले थे. इसके अवाला नोटा के खाते में सिर्फ 13,941 वोट आए थे. वहीं 2014 की मतगणना के मुताबिक 76.34 फीसदी वोटिंग हुई थी. जिसमें 77.97 फीसदी पुरुषों और 74.68 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया था.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

46 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट सांसद वी. सत्‍यबामा 276 दिन सदन में उपस्थित रही हैं, उनकी 85.98 फीसदी उपस्थिति दर्ज हुई है. वहीं सदन में सवाल उठाने के मामले में उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा, उन्होंने सिर्फ 454 सवाल पूछे हैं. इसके अवाला डिबेट्स की बात करें तो उन्होंने सिर्फ 121 बहसों में हिस्सा लिया है. वहीं सदन में उन्होंने कोई प्राइवेट बिल भी पेश नहीं किया है. हालांकि सांसद निधि के तहत मिले धन की 81.08 फीसदी रकम उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र तिरुप्पुर के विकास कार्यों में खर्च कर दी यानी उन्होंने 20.27 करोड़ रुपये खर्च किए.

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वहीं सांसद वी. सत्‍यबामा 1 सितंबर 2014 से जल संसाधन संबंधी स्‍थाई समिति की सदस्य, 2 सितंबर 2014 से संसद सदस्‍यों के वेतन और भत्‍तों संबंधी संयुक्‍त समिति की सदस्य और 9 मई 2016 से राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान की सदस्य हैं.

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