
आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के अंतर्गत आने वाली नरसापुरम लोकसभा क्षेत्र में किसी भी एक पार्टी का प्रभाव नहीं रहा है. शुरुआत में इस सीट पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का प्रभाव था. जिसके बाद कांग्रेस ने इस सीट अपना दबदबा बनाया लेकिन तेलुगू देशम पार्टी की स्थापना के बाद यहां समय-समय पर कांग्रेस, बीजेपी और टीडीपी के उम्मीदवार चुने जाते रहे हैं. 2009 आम चुनाव तक इस सीट को नरसापुर के नाम से जाना जाता था. 2014 में बीजेपी के उम्मीदवार रगे गोकाराजू गंगाराजू ने यहां से जीत हासिल की और संसद पहुंचे. गंगाराजू की गिनती सबसे अमीर सांसदों में होती है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
शुरुआत में इस सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का दबदबा रहा, 1952 और 1957 में हुए आम चुनावों में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने जीत दर्ज की, हालांकि उसके बाद से अभी तक हुए आम चुनाव में सीपीआई को जीत नहीं मिल सकी है. सीपीआई के बाद इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. 1957 के बाद कांग्रेस ने लगातार 5 बार (1962, 1967, 1971, 1977, 1980) इस सीट पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की. 1982 में तेलुगू देशम पार्टी की स्थापना के बाद कांग्रेस का प्रभाव इस सीट पर तेजी से कम हुआ, इसी का नतीजा था कि 1984, 1989, 1991 और 1996 में तेलुगू देशम पार्टी ने लगातार 4 बार जीत दर्ज की.
हालांकि, जीत के इस सिलसिले को कांग्रेस ने 1998 के आम चुनाव में तोड़ा और कनुमुरी बापीराजु ने कांग्रेस की तरफ से जीत दर्ज की. इसके बाद 1999 में इस सीट पर हुए आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार वेंकटा कृष्णम राजू ने कांग्रेस के उस समय के सांसद और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार कनुमुरी बापीराजू को 1 लाख 65 हजार से ज्यादा के अंतर से हराया, लेकिन 2004 के आम चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा वापसी की और बीजेपी के उम्मीदवार को करीब 64 हजार वोटों से हराया. कांग्रेस ने जीत का सिलसिला जारी रखते हुए 2009 में भी जीत हासिल की और कनुमुरी बापीराजु कांग्रेस की तरफ से संसद पहुंचे. इस सीट पर सबसे ज्यादा 8 बार कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.
सामाजिक तानाबाना
2014 में हुए आम चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक इस लेकसभा क्षेत्र में कुल 13,25,028 मतदाता हैं. इसमें पुरुषों की संख्या 6,52,598 है और महिलाओं की संख्या 67,2,304 है. नरसापुरम लोकसभा क्षेत्र में आने वाली 73 फीसदी जनता ग्रामीण है और शेष आबादी शहरों में रहती है. एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक यहां 16.25 फीसदी लोग अनुसूचित जाति (एससी) और लगभग 1 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति (एसटी) है.
नरसापुरम लोकसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें आती हैं और इनमें से एक भी सीट आरक्षित नहीं है. इसमें अचंता, पलाकोल, नरसापुरम, भीमावरम, उंडी, तनुकू और ताड़ेपल्लीगुड़ेम है. इनमें से केवल ताड़ेपल्लीगुड़ेम विधानसभा में बीजेपी विधायक हैं, जबकि बाकी की सभी छह सीटों पर टीडीपी का कब्जा है.
2014 का जनादेश
2014 के आम चुनाव में नरसापुरम लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोकाराजू गंगाराजू ने जीत दर्ज की और वाईएसआर कांग्रेस के उम्मीदवार वन्का रवींद्रनाथ को 85 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. वहीं, 2009 में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस इस सीट पर खिसक तीसरे नंबर पर चली गई. कांग्रेस को महज 2.49 फीसदी ही वोट मिल सके. जबकि भाजपा को 49.61 फीसदी और वाईएसआर कांग्रेस को 41.78 फीसदी वोट प्राप्त हुए. बता दें कि इस सीट पर 2014 के आम चुनाव में कुल 82.19 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2014 से पहले सिर्फ एक बार 1999 में इस सीट पर बीजेपी ने जीतने में कामयाबी हासिल की थी.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
बीजेपी सांसद गंगाराजू की संसद में 80 फीसदी मौजूदगी रही है. इस दौरान उन्होंने 227 सवाल पूछे. साथ ही उन्होंने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से मिली 12.50 करोड़ की राशि में से 12.25 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद गोकाराजू गंगाराजू को खेलों में शुरू से ही रूचि रही है. खेलकूद में रूचि रखने वाले गंगाराजू आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे हैं.
आंध्र विश्वविद्यालय से बी. फार्मेसी की पढ़ाई कर चुके गंगाराजू को मेडिकल के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी मिल चुके हैं. लंबे समय से विश्व हिन्दू परिषद के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष पर रहे गंगाराजू ने शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहद अच्छा काम किया है. वह प्रत्येक वर्ष विजयवाड़ा में नगर निगम स्कूल के छात्रों को करीब 50 हजार नोट बुक दान करते हैं.