
राजनीति में अर्श और फर्श के बीच का अंतर इतना कम होता है कि कब कौन कहां पहुंच जाए समझ में नहीं आता है. अभी 4 महीने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की तरफ से वसुंधरा राजे और कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट दोनों ही पार्टियों का चेहरा थे. लेकिन इतने महीने में ही सब कुछ बदल गया है. कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लोकप्रियता पर वोट मांगा जा रहा है तो बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी की आंधी पर अपनी उम्मीद टिकाए बैठी है.
राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता संभालने का दावा करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट लोकसभा चुनाव में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. चार महीने में ही इनकी किस्मत इस कदर पलटी खाएगी इन्होंने भी कभी नहीं सोचा होगा. कांग्रेस की तरफ से चुनावी कमान सीएम अशोक गहलोत संभाल रहे हैं. नाम के लिए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पायलट नजर आ रहे हैं, यहां तक कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक भी अशोक गहलोत ही ले रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार कौन होगा इसका आखिरी फैसला भी अशोक गहलोत ही कर रहे हैं. किसने सोचा होगा कि 4 महीने में ही राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की हैसियत एक आम मंत्री की हो जाएगी. कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि राजस्थान में गहलोत नरेंद्र मोदी से ज्यादा लोकप्रिय हैं. अशोक गहलोत के चेहरे पर ही लोग कांग्रेस को वोट देंगे. कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का मानना है कि आज सर्वे करवा लें, राजस्थान में अशोक गोहलोत मोदी से बहुत लोकप्रिय हैं.
वसुंधरा जी की बात तो बीजेपी अध्यक्ष से पूछो...मैं क्या बताऊं
उधर, हार के बाद वसुंधरा राजे कहां हैं किसी को पता नहीं चल रहा है. कहा तो यह जा रहा है कि दिल्ली में पिछले 4 दिनों से बैठी हैं. मगर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मिलने तक का वक्त नहीं दे रहे हैं. कहां तो 4 महीने पहले बीजेपी की सबसे ताकतवर नेता हुआ करती थीं. उनकी मर्जी के बिना प्रदेश अध्यक्ष तक नहीं बन पा रहा था. वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक को आंखें दिखा दे रही थीं, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की हो रही सभी बैंकों से वसुंधरा राजे गायब हैं. यहां पर सीधे-सीधे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सारे फैसले ले रहे हैं. इस मामले पर पूछने पर जयपुर ग्रांमीण से सांसद और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि वसुंधरा जी की बात तो बीजेपी अध्यक्ष से पूछो...मैं क्या बताऊं.
मोदी बनाम अशोक गहलोत की यह लड़ाई पहली नहीं है. विधानसभा चुनाव के दौरान भी इन दोनों चेहरों पर कांग्रेस और बीजेपी ने दांव लगाया था. पहले दौर में नरेंद्र मोदी ने बाजी मारी थी. अब एक बार फिर से कांग्रेस और बीजेपी दोनों लोकसभा चुनाव में इन्ही दो चेहरों पर लड़ने जा रही हैं.