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'भगवा बनाम बुर्के' की एक बहस बिहार में, किसे मिलेगा फायदा?

बिहार के सीवान लोकसभा सीट पर 12 मई को चुनाव होने वाला है. इससे पहले जिले की राजनीति में एक अलग तरह की बहस चल रही है.

 भगवा बनाम बुर्के की एक बहस सीवान में भगवा बनाम बुर्के की एक बहस सीवान में
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 01 मई 2019,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में यानी 12 मई को बिहार की सीवान लोकसभा सीट पर वोटिंग होने वाली है. इस लोकसभा सीट की देशभर में चर्चा हो रही है. दरअसल, यहां चुनावी मैदान में दो बाहुबली नेताओं की पत्‍नियां हैं. लेकिन वोटिंग से पहले सीवान की राजनीति में एक अलग तरह की बहस चल पड़ी है. यह बहस ''भगवा बनाम बुर्के'' की है.

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क्यों छिड़ी है बहस

दरअसल, सीवान लोकसभा सीट से राजद की प्रत्याशी और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब चुनाव मैदान में हैं और उनका पहनावा बुर्का है. वहीं जेडीयू की महिला प्रत्याशी कविता सिंह के पति और जिले में हिंदू युवा वाहिनी के मुखिया अजय सिंह का पहनावा भगवा है. यही वजह है कि ''भगवा बनाम बुर्के'' की बहस हो रही है.  इस बहस की शुरुआत अजय सिंह ने हीना शहाब के बुर्के पर टिप्पणी से की है .

प्रचार में हीना शहाब के बुर्के का जिक्र

अजय सिंह लगभग हर चुनाव प्रचार में हीना शहाब के पहनावे का जिक्र कर रहे हैं. इसके अलावा अजय सिंह चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की आपराधिक छवि और पाकिस्तान की भी बात करते हैं. दिलचस्प बात यह है कि खुद अजय सिंह पर कई मामले दर्ज हैं और वह जमानत पर हैं. हालांकि अजय सिंह की पत्नी और जेडीयू प्रत्याशी कविता सिंह पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के विकास कार्यों पर वोट मांगती नजर आ रही हैं.इसके उलट हीना शहाब सीवान के विकास के मुद्दे पर रहना चाहती हैं.  हीना शहाब खुद को सीवान की बेटी बताते हुए लोगों से वोट मांग रही हैं.

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जेडीयू प्रत्याशी कविता सिंह की मुश्किलें  

वैसे तो जेडीयू प्रत्याशी कविता सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी के विकास की बात कर वोट मांग रही हैं लेकिन उनकी मुश्किलें भी कम नहीं हैं. सीवान की राजनीति पर नजर रखने वाले पत्रकार सुधीर कुमार तिवारी बताते हैं कि एनडीए के भीतर जबरदस्त फूट देखने को मिल रही है. बीजेपी के वर्तमान सांसद ओमप्रकाश यादव और जिलाअध्यक्ष मनोज सिंह के बीच आरोप—प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. यह फूट इतनी ज्यादा है कि  ही दोनों नेता जेडीयू प्रत्याशी  कविता सिंह के नामांकन के दौरान मंच पर भिड़ गए थे..  इसके अलावा सीवान सीट जेडीयू के खाते में जाने और सांसद ओमप्रकाश यादव का टिकट कटने की वजह से भी उनके समर्थकों में नाराजगी देखने को मिल रही है. सुधीर तिवारी के मुताबिक ओमप्रकाश यादव के समर्थक खुलकर कविता सिंह का विरोध कर रहे हैं.  इसके अलावा अजय सिंह के कई आपत्तिजनक बयान कविता सिंह की मुश्किलें बढ़ा रही हैं.

राजद प्रत्याशी हीना शहाब की मुश्किलें

लगातार दो बार से लोकसभा चुनाव हार रहीं हीना शहाब के लिए यह आखिरी लड़ाई  मानी जा रही है. हार के बावजूद हीना शहाब पर राजद ने भरोसा जताया है लेकिन उनके लिए हर बार की तरह एक बार फिर पति मोहम्मद शहाबुद्दीन की आपराधिक छवि बाधक बन रही है. यही वजह है कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके विरोधी शहाबुद्दीन के कार्यकाल का जिक्र कर रहे हैं. यह हीना शहाब के लिए असहज करने जैसा है. हालांकि स्‍थानीय पत्रकार सुधीर बताते हैं कि हीना शहाब पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को बतौर विकास पुरुष पेश कर रही हैं. बहरहाल,  23 मई को चुनावी नतीजों के साथ यह तय हो जाएगा कि सीवान की जनता का क्या मूड है.

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