
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया. कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा देशद्रोह के कानून को समाप्त करने की बात कही गई है. बीजेपी कांग्रेस के इन सारे वादों को लेकर लोकसभा चुनाव में सियासी बिसात बिछाने में जुट गई है. इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर हमला कर बीजेपी अपने राष्ट्रवाद के चुनावी एजेंडे पर आगे बढ़ना चाहती है और सियासी जंग फतह करने की कवायद कर रही है.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस किसान, जवान और रोजगार के जरिए अपना चुनावी एजेंडा सेट कर रही है. वहीं, बीजेपी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटी है. मंगलवार को कांग्रेस का घोषणा पत्र आने के बाद से बीजेपी ने ऐसे मुद्दे को पकड़ा, जिससे उसके राष्ट्रवाद के मुद्दे को और समर्थन मिल सके.
कांग्रेस ने किया है AFSPA की समीक्षा का वादा
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि सत्ता में आने पर सुरक्षा बलों के अधिकारों और नागरिकों के मानवाधिकारों में AFSPA कानून के तहत संतुलन बनाने के लिए संशोधन करेगी और जबरन लापता करने, यौन हिंसा और यातना में मिली छूट (इम्युनिटी) को हटा लिया जाएगा. इस वादे को लेकर बीजेपी कांग्रेस को घेरने में जुट गई है. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक मैदान में उतर आए और कहा कि कांग्रेस पार्टी खतरनाक वादे कर रही है. शाह ने कहा कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में ऐसा एजेंडा है, जो देश को तोड़ने वाला है. AFSPA के मुद्दे को बीजेपी हवा देने में जुट गई है.
देशद्रोह पर कांग्रेस-बीजेपी में दो-दो हाथ
कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है कि भारतीय दंड संहिता की देशद्रोह को परिभाषित करने वाली धारा 124ए को खत्म करेगी, क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा रहा है और बाद में नए कानून बनाए जाने के बाद इसकी महत्ता भी खत्म हो गई. ऐसे में इस कानून का अब कोई मतलब नहीं है. कांग्रेस ने कहा कि नागरिक स्वतंत्रता हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की पहचान है. कानूनों का उद्देश्य स्वतत्रंता को मजबूती देना होता है. कानून सिर्फ और सिर्फ हमारे मूल्यों को दर्शाने के लिए होने चाहिए.'
बीजेपी ने कहा कि घोषणा पत्र में कांग्रेस कह रही है कि आईपीसी से सेक्शन 124-A हटा दिया जाएगा, देशद्रोह करना अब अपराध नहीं है. जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है, वो एक भी वोट की हकदार नहीं है. इन कानूनों को बदलने का साहस जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह जैसे नेताओं ने भी नहीं किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि नासमझी में राहुल गांधी ऐसे वादे करते हैं जिन्हें लागू नहीं किया जा सकता और कुछ बेहद खतरनाक विचार हैं और देश उनकी बात स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
कश्मीर पर कांग्रेस की नरमी पर बीजेपी आक्रामक
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर पर नरम रुख अख्तियार किया है. कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आएंगे तो घाटी से सेना की मौजूदगी कम कर राज्य पुलिस को जिम्मेदारी देंगे. इसके अलावा सूबे के सभी लोगों से बिना शर्त बात करेंगे. बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार की जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल की थी, उसे देश माफ नहीं कर सकता, उस एजेंडा को राहुल गांधी आगे बढ़ा रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस के कश्मीर पर नरमी को लेकर बीजेपी चुनावी मुद्दा बनाने जुट गई है.
जिन्हें हिंदू आतंकवादी बताया वो जाग गए हैंः मोदी
समझौता ब्लास्ट पर आए कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी कांग्रेस को घेरने में जुट गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वर्धा की रैली में हिंदू आतंकवाद की शब्दावली को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. मोदी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह धर्म के शांतिप्रिय अनुयायियों को आतंकवाद से जोड़कर उनका अपमान कर रही है. उन्होंने कहा कि हिंदू अब जाग चुका है और विपक्षी दलों को दंडित करने का निर्णय लिया है.
मोदी ने कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) जिन्हें आतंकवादी बताया था, अब वह जाग गए हैं. कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद शब्द का प्रयोग कर देश के करोड़ों लोगों को कलंकित करने का प्रयास किया. आप बताएं, क्या आपको दुख नहीं हुआ था, जब आपने हिन्दू आतंकवाद शब्द सुना था. हजारों साल के इतिहास में क्या एक भी उदाहरण है जहां हिंदू आतंकवाद में शामिल रहे हों. मोदी ने लोगों से सवाल किया कि क्या वह शांतिप्रिय हिन्दुओं को आतंकवाद से जोड़ने का पाप करने वाली कांग्रेस को माफ कर देंगे. कांग्रेस को भलीभांति पता है कि देश ने उसे दंडित करने का निर्णय लिया है.
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