
लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की रस्साकशी जारी है. ऐसे में दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जतायी है. माकन ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन न होने के चलते चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. माकन के इंकार के बाद माना जा रहा है कि नई दिल्ली सीट से अब उनकी जगह अर्चना डालमिया को उतार सकती है.
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन न होने पर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश की सभी सातों सीटों पर उम्मीदवार के नाम मांगे थे. ऐसे में अजय माकन ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया है.
हालांकि अजय माकन ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन का समर्थन करेंगे, भले ही उन्हें नई दिल्ली लोकसभा सीट उम्मीदवार के रूप में मैदान में नहीं उतारा जाए. माकन नई दिल्ली सीट से दो बार चुने जा चुके हैं.
दरअसल दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर कांग्रेस में दो राय हैं. माकन और पीसी चाको समेत कई नेताओं जहां गठबंधन के पक्ष में है. वहीं, दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और उनके साथ तीन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष AAP के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं.
शीला दीक्षित के आवास पर मंगलवार को बैठक में दिल्ली के कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं, जिन्हें कांग्रेस के सीईसी के पास भेजा गया है. इसी के तहत अजय माकन ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. इसके बाद दिल्ली के सातों सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं.
नई दिल्ली से अर्चना डालमिया, दक्षिण दिल्ली से योगानंद शास्त्री और रमेश कुमार में से किसी एक नाम पर मुहर लग सकती है. ईस्ट दिल्ली सीट से पवन खेड़ा और अनिल चौधरी, नार्थ ईस्ट सीट से मतीन अहमद और जेपी अग्रवाल के नाम सुझाए गए हैं. इसके अलावा चांदनी चौक से मंगत राम सिंघल को उम्मीदवार बना सकती है. दिल्ली की वेस्ट सीट से देवेंद्र यादव या महाबल मिश्रा में से किसी एक नाम पर मुहर लग सकती है.
AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया था कि कांग्रेस के साथ उनका गठबंधन नहीं होने जा रहा है. हालांकि कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात वो कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं.
दरअसल आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ दिल्ली सहित हरियाणा और पंजाब में भी गठबंधन चाहती थी. कांग्रेस सीट शेयरिंग के तहत दिल्ली में तीन, हरियाणा में एक और पंजाप में एक सीट देने की बात सामने आई थी. जबकि इससे पहले तक कांग्रेस दिल्ली के अलावा दूसरे राज्य में गठबंधन नहीं चाहती थी. वहीं, आप दिल्ली में पांच सीटें मांग रही थी, लेकिन बाद में तीन सीट के लिए तैयार हो गई थी. बात हरियाणा और पंजाब में आकर अटक गई थी.
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