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राजनीति में युवाओं की जरूरत, बुजुर्गों को पीछे हटना चाहिएः सैम पित्रोदा

76 वर्षीय पित्रोदा ने कहा, 'मेरा निजी तौर पर मानना है कि युवाओं को राजनीति में लाने की जरूरत है. अब हमारे उम्र के लोगों को पीछे हट जाना चाहिए. अगर मुझसे कोई सरकार में शामिल होने को कहता है, तो मैं इसको स्वीकार नहीं करूंगा. मेरा समय खत्म हो चुका है. हालांकि कभी-कभी लोगों के लिए ऐसा कदम उठाना कठिन होता है.'

सैम पित्रोदा सैम पित्रोदा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 9:19 PM IST

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने युवाओं को राजनीति में लाने की वकालत की है. साथ ही खुद के सरकार में शामिल होने की संभावनों को सिरे से खारिज कर दिया है. 76 वर्षीय पित्रोदा ने कहा, 'मेरा निजी तौर पर मानना है कि युवाओं को राजनीति में लाने की जरूरत है. अब हमारे उम्र के लोगों को पीछे हट जाना चाहिए. अगर मुझसे कोई सरकार में शामिल होने को कहता है, तो मैं इसको स्वीकार नहीं करूंगा. मेरा समय खत्म हो चुका है. हालांकि कभी-कभी लोगों के लिए ऐसा कदम उठाना कठिन होता है.'

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा अपने बयानों को लेकर हमेशा से चर्चा में रहते हैं. इससे पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के ब्लॉग को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आडवाणी ने अपने ब्लॉग में कहा कि अगर कोई हमसे असहमत है, तो इसका मतलब यह नहीं होता है कि वो देशद्रोही हैं. मैं उनके इस बयान से सहमत हूं. इस बात को सही समय पर सामने रखने के लिए मैं उनका शुक्रिया करता हूं.'

आपको बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी ने अपने हालिया ब्लॉग में लिखा था कि उन्होंने राजनैतिक रूप से असहमति रखने वालों को देशद्रोह के रूप में नहीं देखा, बल्कि उन्हें सिर्फ अपना प्रतिद्वंदी माना है. आडवाणी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र का मूल विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करना है. अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही बीजेपी ने कभी भी उन लोगों को अपना दुश्मन नहीं माना, जो उससे असहमति रखते हैं. हमने ऐसे लोगों को कभी देशद्रोही भी नहीं माना.

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उन्होंने लिखा, 'मैंने हमेशा सबसे पहले राष्ट्र, इसके बाद पार्टी और सबसे आखिर में खुद को रखा. सभी स्थितियों में मैंने इसी सिद्धांत का पालन किया और आगे भी करता रहूंगा.' आडवाणी का यह ब्लॉग उस समय सामने आया है, जब भारतीय जनता पार्टी ने गांधीनगर से उनका टिकट काट दिया है. वो साल 1991 से गांधीनगर लोकसभा सीट से सांसद हैं. इस बार इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह चुनाव मैदान में हैं.

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