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विपक्ष ने PM मोदी को 56 गालियां दीं, ये हमारे लिए छप्पन भोग: गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अब तक विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छप्पन बार गालियां दे चुका है, लेकिन ये हमारे लिए छप्पन गालियां नहीं, बल्कि छप्पन भोग हैं. विपक्ष का एजेंडा सिर्फ अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों पर डर पैदा करना है. वह गाली गलौज पर उतारू है. विपक्ष राजनीतिक चर्चा नहीं करना चाहता है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
पॉलोमी साहा/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2019,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी समेत समूचे विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि विपक्ष राजनीतिक बहस नहीं करना चाहता है और विकास के मुद्दे को भटकाना चाहता है. कांग्रेस पार्टी जानती है कि जितना काम पिछले 5 साल में मोदी सरकार में हुआ है, उतना काम कांग्रेस के 50-55 साल के शासन में नहीं हुआ. उसको पता है कि अगर विकास के मुद्दे पर बहस होगी, तो इससे कांग्रेस पार्टी को दिक्कत होगी.

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इस दौरान नितिन गडकरी ने विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई गालियां गिनाई. उन्होंने कहा कि देश का प्रधानमंत्री किसी पार्टी का नहीं होता है, बल्कि पूरे राष्ट्र का होता है. हालांकि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष ने इतनी गलत बाते कही गईं कि राहुल गांधी को माफी तक मांगना पड़ा है.

उन्होंने कहा, 'अब तक विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छप्पन बार गालियां दे चुका है, लेकिन ये हमारे लिए छप्पन गालियां नहीं, बल्कि छप्पन भोग हैं. विपक्ष का एजेंडा सिर्फ अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों पर डर पैदा करना है.'  

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मोदी सरकार की पांच साल के कामकाज की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, 'हमने पांच साल में जितना काम किया है, उतना काम कांग्रेस 50 साल में भी नहीं कर पाई है. लिहाजा उसके पास कोई मुद्दा नहीं है.' केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि हम यह लोकसभा चुनाव अपने 5 साल के कामकाज के आधार पर लड़े रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह तक ने देश से गरीबी हटाने की बात की थी, लेकिन गरीबी नहीं हटा पाए. अब राहुल गांधी 72 हजार रुपये देकर गरीबी हटाने की बात कह रहे हैं. गडकरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 72 हजार रुपये देकर न्याय करने की बात कह रही है, लेकिन वह गरीबों के साथ न्याय नहीं कर सकती है, क्योंकि न्याय के लिए सबसे पहले विश्वसनीयता होनी चाहिए. अब कांग्रेस की विश्वसनीयत नहीं रही.'

नितिन गडकरी का यह बयान उस समय आया है, जब लोकसभा के पांच चरणों के लिए मतदान हो चुके हैं. अब छठवें और सातवें चरण के मतदान होने हैं. इसके बाद 23 मई की मतगणना के बाद चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. गंगा सफाई का जिक्र करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, 'हमने जलमार्ग बनाया, तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा प्रयागराज से बनारस तक जलमार्ग से गईं. हमने गंगा को निर्मल किया, तभी उन्होंने तीन बार गंगा जल पिया. उन्होंने जलमार्ग से यात्रा करने के साथ ही मोदी सरकार की आलोचना की.'

सिख विरोधी दंगा की बात करते हुए गडकरी ने कहा कि साल 1984 के सिख विरोधी दंगा के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया और कांग्रेस ने पीड़ितों को न्याय देने की बजाय आरोपियों को सम्मान किया. कांग्रेस सिख विरोधी दंगा के पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं दे पाई है. ऐसे में भला कांग्रेस देश की जनता को न्याय कैसे देगी?

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गडकरी ने कहा, 'देश की दुर्दशा के लिए कांग्रेस पार्टी की विचारधारा ही जिम्मेदार है. कांग्रेस ने देश की जो दुर्दशा की है, उसको पीएम मोदी ने अपने तरीके से जनता को बताया है. इसको विचारों के तौर पर देखना चाहिए. यह कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं है.

नितिन गडकरी ने कहा, 'राहुल गांधी और पूरा विपक्ष मिलकर 23 तारीख के बाद सिर्फ यह तय कर दें कि उनका प्रधानमंत्री कौन होगा? इतने में भी बात साफ हो जाएगी. पीएम मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता पर गडकरी ने कहा कि ये विपक्ष के सोहार्दपूर्ण एकता का पूरा श्रेय बीजेपी को जाता है. चुनाव के हार से पहले ये लोग बहाने शुरू कर दिए है.'

नितिन गडकरी ने कहा कि जब साल 1971 में पाकिस्तान से लड़ाई हुई थी, तो अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे. हालांकि जब देशहित की बात आई, तो वो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ खड़े रहे. हालांकि जब भारतीय वायुसेना ने बालाकोट एयर स्ट्राइक की, तो कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए.

उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद तो समझ में आता है, लेकिन मनभेद समझ में नहीं आती है. भारत की जनता जागरुक है. इस देश की जनता सब कुछ सोच समझकर फैसला लेगी.

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