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देश की मूल आत्मा को कुचल रही मोदी सरकार, पढ़ाया जा रहा देशभक्ति का पाठः सोनिया गांधी

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पीपुल्स एजेंडा- जन सरोकार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जाति, धर्म और विचारधारा के आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. पिछले कुछ वक्त से हमारी देश की मूल आत्मा को एक सोची समझी साजिश के तहत जिस तरह कुचल जा रहा है. आज देशभक्ति की नई परिभाषा सुनाई जा रही है.

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'पीपुल्स एजेंडा जन सरोकार-2019' कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार को जमकर घेरने की कोशिश की. सोनिया गांधी ने कहा कि जाति, धर्म और विचारधारा के आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. पिछले कुछ वक्त से हमारी देश की मूल आत्मा को एक सोची समझी साजिश के तहत जिस तरह कुचला जा रहा है, वह हम सभी के लिए बेहद चिंताजनक है.

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जन सरोकार एजेंडा जारी करने के अवसर पर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने और कमजोर करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं ने हमें बुलंदियों तक पहुंचाया, उन सभी को जानबूझकर करीब-करीब खत्म कर दिया गया है. 65 साल में बड़ी मेहनत से तैयार किए गए जनकल्याण के बुनियादी ढांचे और सर्व समावेशी ताने-बाने को मोदी सरकार ने पूरी तरह नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज देशभक्ति की नई परिभाषा सुनाई जा रही है. जाति, धर्म और विचारधारा के आधार पर अपने ही नागरिकों से भेदभाव को उचित ठहराया जा रहा है.

सोनिया गांधी ने कहा, 'हमसे उम्मीद की जा रही है कि खान-पान, पहनावे, भाषा और अभिव्यक्ति की आजादी के मामले में कुछ लोगों की मनमानी हम बर्दाश्त करें. कुछ पहले हम यह सोच भी नहीं सकते थे कि हमें ऐसे हालात में इकट्ठा होना पड़ेगा. वर्तमान मोदी सरकार असहमति को स्वीकार करने के लिए बिल्कुल राजी नहीं है. जब असहमति जताने पर हमले होते हैं, तो सरकार कानूनी कार्रवाई करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं होती है.'

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उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के अवसर छीन रही है. भारत को ऐसी सरकार की जरूरत है, जो देश के सभी नागरिकों के प्रति उत्तरदायित्व निभाए और सभी के प्रति निष्पक्ष हो.

सोनिया गांधी ने कहा, 'संवैधानिक अधिकारों को फिर से स्थापित करना होगा. हर व्यक्ति की सुरक्षा फिर से सुनिश्चित करनी होगी. संवैधानिक मूल्यों को फिर से कायम करना होगा. सबको अपनी राय रखने की आजादी मिले, हर भारतीय को बराबरी का हक मिले और सभी को संसाधनों का समान अधिकार हासिल हो. नागरिकों के अधिकार छीनने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है. मैं यहां कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ इसीलिए खड़ी हूं, क्योंकि हमारे आपके बीच खास रिश्ता है.'

आपके बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष देश के 200 गैर सरकारी संगठनों (NGOs) और सिविल सोसायटीज के 6 हजार प्रतिनिधि के साथ मिलकर महामंथन कर रहा है. इस कार्यक्रम में 12 राजनीति पार्टियों के नुमाइंदे शामिल हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हो रही इस कवायद को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करने की बड़ी कोशिश माना जा रहा है. इसमें कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियां, आरजेडी, डीएमके, टीडीपी, एनसीपी, एनसी, टीएमसी समेत अन्य दलों के नेता शामिल हैं.

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