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एनडीए का साथ छोड़कर कितने असरदार रहेंगे उपेंद्र कुशवाहा?

उपेंद्र कुशवाहा इस बार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) बिहार में कुल पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उपेंद्र कुशवाहा खुद दो सीटों पर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं.

RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा
पंकज सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

लोकसभा चुनाव का आधा सफर पूरा हो गया है और अब चौथे चरण के चुनाव में महज कुछ ही दिन बाकी है. इस चरण में जिन उम्मीदवारों पर सबकी निगाहें हैं उसमें एक नाम उपेंद्र कुशवाहा का भी है. बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा एक जाना पहचाना नाम है. उपेंद्र कुशवाहा इस बार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) बिहार में कुल पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उपेंद्र कुशवाहा खुद दो सीटों पर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं.

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उपेंद्र कुशवाहा जिन दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं उसमें एक सीट है काराकट और दूसरी उजियारपुर. चौथे चरण में उजियारपुर लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को मतदान है. कुशवाहा पिछला चुनाव काराकट से जीते थे. इस बार उजियारपुर सीट पर उपेंद्र कुशवाहा का मुकाबला बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय से है. उजियारपुर से 2014 में बीजेपी के नित्यानंद राय ने आरजेडी के आलोक कुमार मेहता को 60 हजार वोटों से हराया था. जेडीयू की अश्वमेघ देवी तीसरे स्थान पर रही थीं.

दो सीटों से चुनाव लड़ने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि कार्यकर्ताओं के दबाव और लोगों की भावना को देखते हुए उन्हें दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला करना पड़ा है. एनडीए का साथ छोड़ने पर उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि 2014 में पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी ने पिछड़े तबकों के विकास का वादा किया था, बिहार के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा की थी. नरेंद्र मोदी पीएम बने और मैं भी मंत्री बना. जो उम्मीद थी उस पर नरेंद्र मोदी पीएम के तौर पर खरे नहीं उतरे. बिहार के लिए कुछ नहीं किया गया.

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उपेंद्र कुशवाहा के लिए यह चुनाव कई मायनों में खास है. एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने के बाद उन्हें अपनी ताकत का अहसास कराना होगा. उपेंद्र कुशवाहा यदि चुनाव जीतने में कामयाब होते हैं तो आने वाले बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनका दखल बढ़ जाएगा. उपेंद्र कुशवाहा के लिए यहां सिर्फ एक सीट या लोकसभा की ही परीक्षा नहीं है, आने वाले समय में बिहार की राजनीति में उनका भविष्य तय करेगा.

उजियारपुर संसदीय क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें हैं. इनके नाम हैं-पातेपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीन नगर और विभूतिपुर. इनमें पातेपुर सीट एसी आरक्षित है. पातेपुर वैशाली जिले में पड़ता है. उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीन नगर और विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर जिले में पड़ते हैं. 2014 के चुनाव में नित्यानंद राय ने आरजेडी के प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता को लगभग डेढ़ लाख मतों से हराया था.

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