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शिवसेना में संजय न‍िरुपम ने सीखा था राजनीत‍ि का ककहरा, कांग्रेस में आकर भुनाया

ज‍िस श‍िवसेना पार्टी ने संजय न‍िरुपम को राजनीत‍ि का ककहरा स‍िखाया उसमें 9 साल रहने के बाद वे कांग्रेस में आ गए. 14 साल से वे कांग्रेसी के रूप में जनता के मुद्दों को ज‍िम्मेदारी और तत्परता से उठा रहे हैं. कभी-कभी व‍िवादि‍त बयान और संजय न‍िरुपम एक-दूसरे के पूरक भी नजर आते हैं.

संजय न‍िरुपम (Photo: Facebook) संजय न‍िरुपम (Photo: Facebook)
श्याम सुंदर गोयल
  • नई द‍िल्ली,
  • 25 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST

संजय न‍िरुपम भारतीय राजनीत‍ि में ऐसी शख्स‍ियत हैं जो सही के ल‍िए खड़े रहने में यकीन रखते हैं. सालों तक श‍िवसेना के ट‍िकट पर राज्यसभा सदस्य रहने के बाद जब कुछ मुद्दों पर केंद्र की वाजपेयी सरकार से ठनी तो व‍िन‍िवेश के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के मंत्री अरुण शौरी के ख‍िलाफ हो गए. ज‍िस श‍िवसेना पार्टी ने उन्हें राजनीत‍ि का ककहरा स‍िखाया उसमें 9 साल रहने के बाद वे कांग्रेस में आ गए. 14 साल से वे कांग्रेसी के रूप में जनता के मुद्दों को ज‍िम्मेदारी और तत्परता से उठा रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में वे कांग्रेस के ट‍िकट पर मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से जीत का दांव खेलने उतरे हैं.

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संजय निरुपम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले मुंबई-उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं. मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद 25 मार्च को इस्तीफा दे द‍िया. अब वे महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ-वेस्ट लोकसभा सीट से क‍िस्मत आजमा रहे हैं. ये सीट फ‍िल्मी स‍ितारों के चुनाव लड़ने के ल‍िए जानी जाती है. संजय न‍िरुपम ने राज्यसभा में सांसद के रूप में दो बार, पहले शिवसेना और फिर कांग्रेस पार्टी से सदस्य के रूप में कार्य किया.

संजय न‍िरुपम का पर्सनल प्रोफाइल  

संजय निरुपम का जन्म 6 फरवरी 1965 को रोहतास, बिहार में हुआ था. उनके पिता का नाम स्‍व. बृजकिशोर लाल व माता का नाम प्रेमादेवी है. न‍िरुपम ने मगध विश्वविद्यालय से संबंद्ध ए.एन. कॉलेज, पटना से साल 1984 में बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान की डिग्री प्राप्त की. संजय न‍िरुपम ने गीता निरुपम से 10 अक्टूबर 1989 को शादी की थी. उनकी एक बेटी श‍िवानी न‍िरुपम हैं.

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संजय न‍िरुपम की ऐसी रही राजनीत‍ि की डगर

संजय न‍िरुपम राजनीत‍िज्ञ बनने से पहले पेशे से पत्रकार थे. 1984 में पढ़ाई पूरी करने के बाद वे 1986 में द‍िल्ली आ गए. साल 1988  में इंड‍ियन एक्सप्रेस ग्रुप के जनसत्ता अखबार में एक पत्रकार के रूप में कर‍ियर शुरू क‍िया. 5 साल जनसत्ता के मुंबई संस्करण में काम करने के बाद नि‍रुपम ने 1993 में श‍िवसेना के मुखपत्र 'दोपहर का सामना' में एग्जीक्यूटिव एडिटर के रूप में ज्वॉइन क‍िया. 1996 में निरुपम, श‍िवसेना के ट‍िकट पर राज्यसभा पहुंचे. यहीं से न‍िरुपम का राजनीत‍िक कर‍ियर शुरू हुआ. न‍िरुपम 1996 से 2006 तक राज्यसभा सदस्य रहे. इससे पहले 2005 में न‍िरुपम ने श‍िवसेना छोड़कर कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी. 2009 में कांग्रेस के ट‍िकट पर संजय न‍िरुपम मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से सांसद बनकर संसद में पहुंचे. इस सीट से पहले गोव‍िंदा सांसद थे.

2005 में कांग्रेस में आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोन‍िया गांधी ने उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासच‍िव बनाया. उसके बाद वे गोवा, गुजरात और नगालैंड के व‍िधानसभा चुनावों में चुनाव पर्यवेक्षक बने. इस दौरान राहुल गांधी के रैली और रोड शो की प्लान‍िंग इनके द्वारा ही की गई.

मोदी लहर में डूब गई थी न‍िरुपम की नैया

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गोपाल शेट्टी ने कांग्रेस के संजय निरुपम को बहुत बुरी तरह से हराया था. गोपाल शेट्टी को जहां 6,64,004 वोट मिले तो वहीं मौजूदा सांसद निरुपम को महज 2,17,422 वोट ही मिले थे. मुंबई उत्तर लोकसभा सीट में उत्तर भारतीयों का बड़ा वोट बैंक भी न‍िरुपम के काम न आ सका जबक‍ि निरुपम का जन्म ब‍िहार में ही हुआ था और वहीं से श‍िक्षा भी प्राप्त की थी.

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संजय न‍िरुपम के व‍िवाद‍ित बोल

निरुपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनपढ़-गंवार कहते हुए उनके बचपन पर बनी फिल्म 'चलो जीते हैं' बच्चों को दिखाए जाने पर सवाल उठाए थे. निरुपम ने कहा था क‍ि जो बच्चे स्कूल, कॉलेज में पढ़ रहे हैं, मोदी जैसे अनपढ़-गंवार के बारे में जानकर उन्हें क्या मिलने वाला है? यह बहुत शर्मनाक बात है कि आज तक हमारे देश के नागरिक और बच्चों को पता ही नहीं है कि पीएम की डिग्री कितनी है?

इससे पहले कर्नाटक में राजनीतिक उतार-चढ़ाव के दौरान निरुपम ने राज्यपाल वजुभाई वाला की तुलना कुत्ते से कर दी थी. निरुपम ने कहा था कि अब शायद हिंदुस्‍तान का हर आदमी अपने कुत्‍ते का नाम वजुभाई वाला ही रखेगा. हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद में उन्‍होंने अपने बयान पर सफाई दी और माफी मांग ली थी.

निरुपम ने एक बार कहा था कि हर बुरे काम के लिए ये लोग कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हैं. नरेंद्र मोदी से बुरा तो कुछ है ही नहीं. ऐसा न हो कि नरेंद्र मोदी की पैदाइश के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया जाए. निरुपम यहीं नहीं रुके. उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि हम आपके जैसे क्रूर नहीं हैं कि आपको फांसी पर चढ़ाएं.

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साल 2012 में संजय निरुपम ने आजतक चैनल पर सियासी बहस के दौरान टीवी कलाकार और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में फंस गए थे. न‍िरुपम ने टीवी डिबेट के दौरान स्मृति ईरानी पर टिप्पणी की थी क‍ि आप तो पहले टीवी पर ठुमके लगाती थी, अब बीजेपी में शामिल होने के बाद राजनीतिक विश्लेषक बन गई हैं.

कुश्‍ती प्रतियोगिता का करते हैं आयोजन

राजनीति के अलावा निरूपम मुंबई में पारंपरिक कुश्‍ती संघ के अध्‍यक्ष हैं और प्रत्‍येक वर्ष वे बड़े पैमाने पर एक कुश्‍ती प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं. इस आयोजन में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के खिलाड़ी भाग लेते हैं.

ब‍िग बॉस 8 में ले चुके हैं भाग

टीवी शो के इत‍िहास में संजय न‍िरुपम एक ऐसे राजनीत‍िज्ञ के रूप में दर्ज हैं ज‍िन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ को पब्‍ल‍िक के सामने रखा. ब‍िग बॉस सीजन 8 में संजय न‍िरुपम ने भाग ल‍िया था जहां 24 घंटे वे 30  कैमरों की न‍िगरानी में रहे थे.

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