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पहला चरण: 20 राज्यों की 91 सीटों पर आज थम जाएगा चुनावी शोर

पहले चरण में आंध्र प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. इसके अलावा असम की पांच, बिहार की चार, छत्तीसगढ़ की एक, जम्मू कश्मीर की दो, महाराष्ट्र की सात, मणिपुर की दो, मेघालय की दो, नगालैंड-मिजोरम की एक-एक, तेलंगाना की 17, उत्तर प्रदेश की आठ, उत्तराखंड की पांच और पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर मतदान होना है.

पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को 91 सीटों पर मतदान पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को 91 सीटों पर मतदान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के रण का पहला पड़ाव आज अंतिम मुकाम तक पहुंच रहा है, जिसके तहत 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार मंगलवार शाम 5 बजे खत्म हो जाएगा. पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को मतदान होना है, जिसमें उत्तर प्रदेश की आठ व बिहार की 4 सीटों पर देश के प्रमुख दलों व कई बड़े नेताओं का भविष्य तय होना है. पहले चरण के तहत राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष अजित सिंह, केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह, महेश शर्मा, हरीश रावत और नितिन गडकरी जैसे बड़े नेताओं की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी.

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पहले चरण में आंध्र प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. इसके अलावा असम की पांच, बिहार की चार, छत्तीसगढ़ की एक, जम्मू कश्मीर की दो, महाराष्ट्र की सात, मणिपुर की दो, मेघालय की दो, नगालैंड-मिजोरम की एक-एक, तेलंगाना की 17, उत्तर प्रदेश की आठ, उत्तराखंड की पांच और पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर मतदान होना है.

यूपी पर सबकी नजर

सबसे ज्यादा 80 संसदीय क्षेत्र वाले यूपी में चुनाव का पहला चरण काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके पश्चिमी हिस्से में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2014 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त समर्थन मिला था. पहले चरण पर मतदान होने वाली सीटों में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कैराना और बिजनौर शामिल है.

मुजफ्फरनगर: यहां से राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख और सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार अजित सिंह को बीजेपी के संजीव बाल्यान के खिलाफ मैदान में उतारा गया है. इस लोकसभा सीट के सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता भारी संख्या में हैं. लगभग 17 लाख मतदाताओं के बीच मुसलमानों की संख्या 26 प्रतिशत है, जिसके बाद 15 प्रतिशत जाटव और लगभग आठ प्रतिशत जाट हैं.

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गाजियाबाद: केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह सपा-रालोद-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार सुरेश बंसल और कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा के साथ यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदीनगर, मुरादनगर और लोनी में फैले गाजियाबाद संसीदय क्षेत्र में 27.26 लाख मतदाता हैं, जहां मुस्लिम, गुर्जर, वैश्य, ब्राह्मण मतदाताओं की अच्छी संख्या है.

बसपा छोड़कर सपा में शामिल होने वाले बंसल वैश्य समुदाय का समर्थन प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे वह ताल्लुक रखते हैं. उन्हें इस क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के मतदाताओं पर पकड़ बनाने के लिए भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने बसपा में रहते हुए इस वर्ग के लिए कई काम किए थे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को गाजियाबाद में एक रोड शो किया था.

गौतमबुद्ध नगर: केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की किस्मत यहां होने वाले त्रिकोणीय मुकाबले में दांव पर लगी है. कांग्रेस ने अरविंद कुमार सिंह को जबकि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने यहां बसपा के सतवीर को संयुक्त रूप से अपना उम्मीदवार बनाया है.

बागपत: केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह इस जाट बहुल निर्वाचन क्षेत्र से फिर से मैदान में हैं.रालोद नेता अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी सपा-बसपा-रालोद उम्मीदवार के रूप में सत्यपाल सिंह को चुनौती दे रहे हैं.

सहारनपुर: भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राघव लखनपाल को फिर से उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने इमरान मसूद को मैदान में उतारा है. मसूद ने 2014 में लखनपाल को कड़ी टक्कर दी थी. लखनपाल ने मसूद को करीब 65 हजार वोटों से हराया था. बसपा ने इस सीट से फजलुर्रहमान को टिकट दिया है.

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बिहार में इन सीटों पर नजर

ग्रामीण और अर्ध-शहरी संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर से दो शक्तिशाली जातियों, एक अगड़ी (भूमिहार) और एक पिछड़ी (यादव), के बीच सीधी लड़ाई है. यह क्षेत्र अभी भी विकास के मोर्चे पर पिछड़ा हुआ है. नवादा की सीट राजग सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के हिस्से में आई है.

पार्टी ने मुंगेर से मौजूदा पार्टी सांसद और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी वीना देवी के बजाए सूरजभान के छोटे भाई चंदन कुमार को मैदान में उतारने का फैसला किया है.

औरंगाबाद: संख्या में कम होने के बावजूद राजपूत जाति के वर्चस्व के कारण इसे मिनी चितौड़गढ़ भी कहा जाता है। 1952 से यहां से राजपूत उम्मीदवार जीतते रहे हैं. लेकिन, इस बार यहां संघर्ष दो राजपूत उम्मीदवारों के बीच नहीं है. महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा ने इस सीट से अत्यंत पिछड़ा वर्ग से संबंद्ध उपेंद्र प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है, जो कि दांगी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. दांगी समुदाय के मतदाता इस निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में हैं.

महाराष्ट्र की नागपुर सीट कई लिहाज से महत्वपूर्ण हैं. यहां आरएसएस का मुख्यालय है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी चुनावी मैदान में हैं.

11 अप्रैल, पहला चरण: इन सीटों पर मतदान

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उत्तर प्रदेश- सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर

उत्तराखंड- टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार

आंध्र प्रदेश- अमलापुरम, नंद्याल, अनकापल्ली, नरसपुरम, अनंतपुर, नरसरावपेट, अरकू, नेल्लोर, बापत्ला, ओंगोल, चित्तूर, राजमुंदरी, एलुरु, राजामपेट, गुंटूर, श्रीकाकुलम, हिंदुपुर, तिरुपति, कड़पा, विजयवाड़ा, काकीनाडा, विशाखापट्नम, कर्नूल, विजयनगरम, मछलीपट्टनम

बिहार- औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई

महाराष्ट्र- नागपुर, चंद्रपुर, यवतमाल, वर्धा, गढ़चिरौली, रामतेक, भंडारा-गोंदिया

छत्तीसगढ़- बस्तर, जम्मू कश्मीर - बारामूला, जम्मू और महाराष्ट्र- वर्धा, रामटेक, नागपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर, यवतमाल-वाशिम, मणिपुर  की बाहरी मणिपुर, मेघालय की शिलांग, तूरा और मिजोरम की मिजोरम, नगालैंड की नगालैंड. ओडिशा- कालाहांडी, नबरंगपुर, बेरहामपुर, कोरापुट और सिक्किम- सिक्किम सीट पर वोट डाले जाएंगे.

तेलंगाना- अदिलाबाद,  वारंगल,  नालगोंडा,  मेढक,  जाहिराबाद, करीमनगर, महबूबाबाद, चेवेल्ला, निजामाबाद, मल्काजगिरी, सिकंदराबाद, हैदराबाद, नगरकुरनूल, भोंगिर, खम्माम, महबूबनगर, पेडापल्ली.

त्रिपुरा- त्रिपुरा पश्चिम,

अंडमान निकोबार द्वीप समूह- अंडमान निकोबार द्वीप समूह,

लक्षद्वीप- लक्षद्वीप

पश्चिम बंगाल- कूच विहार और अलीपुरदुआर सीट पर भी पहले चरण में वोट डाले जाएंगे.

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