Advertisement

BJP में शामिल हुईं जया प्रदा, रामपुर से आजम खान के खिलाफ लड़ सकती हैं चुनाव

जयाप्रदा रामपुर लोकसभा सीट से 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुकी हैं. इस मुस्लिम बहुल संसदीय क्षेत्र से बीजेपी को उम्मीदवार मिल गया है जो यहां पर सपा-बसपा गठबंधन के अलावा कांग्रेस को भी कड़ी चुनौती दे सकती हैं.

इस बार बीजेपी के टिकट पर रामपुर से लड़ सकती हैं जयाप्रदा (फाइल-ANI) इस बार बीजेपी के टिकट पर रामपुर से लड़ सकती हैं जयाप्रदा (फाइल-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं और अभिनेताओं का दलबदल या फिर राजनीति में एंट्री का दौर जारी है. लंबे समय तक समाजवादी पार्टी से जुड़ी रहीं मशहूर फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं. जया प्रदा के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब उनको रामपुर से पार्टी का टिकट मिल सकता है.

जयाप्रदा रामपुर लोकसभा सीट से 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुकी हैं. इस मुस्लिम बहुल संसदीय क्षेत्र से बीजेपी को उम्मीदवार मिल गया है जो यहां पर सपा-बसपा गठबंधन के अलावा कांग्रेस को भी कड़ी चुनौती दे सकती हैं. जयाप्रदा अपने ढाई दशक के राजनीतिक करियर में कई पार्टी बदल चुकी हैं.

Advertisement

2014 में बीजेपी को मिली थी जीत

रामपुर से 2 बार सांसद रहने वालीं जया का सपा के दिग्गज नेता आजम खान के साथ लड़ाई तीखी होती चली गई और दोनों खुलकर आमने-सामने आ गए. इस बीच 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में जयाप्रदा अपने राजनीतिक दोस्त अमर सिंह के साथ राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) में शामिल हो गईं और उन्हें उनकी नई पार्टी ने बिजनौर से टिकट दिया, लेकिन उन्हें 'मोदी लहर' में करारी हार मिली.

हालांकि जयाप्रदा के लिए पार्टी बदलना कोई पहली बार नहीं है. बीजेपी उनकी चौथी पार्टी है जिसमें वह शामिल हुई हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1994 में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल होकर की थी और वह इस पार्टी में करीब एक दशक तक रहीं. लेकिन इस बीच टीडीपी संस्थापक एनटी रामाराव के बीमार होने के बाद जब पार्टी के कई बड़े नेता चंद्रबाबू नायडू के साथ बगावत कर गए तो जया भी उनके साथ थीं.

Advertisement

चंद्रबाबू नायडू के साथ भी यह जोड़ी नहीं चली और 2004 में लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का फैसला ले लिया और इसी साल हुए चुनाव में रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहीं. 2004 के चुनाव में उन्होंने 85 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की. इसके बाद 2009 के चुनाव में वह 30 हजार मतों के अंतर से विजयी हुईं.

रामपुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र

रामपुर उत्तर प्रदेश में उन लोकसभा सीटों में शामिल है जहां पर मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में पड़ने वाले रामपुर सीट पर 50 फीसदी से भी ज्यादा की आबादी मुसलमानों की है. इस क्षेत्र को समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है. हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेपाल सिंह ने सबको चौंकाते हुए जीत दर्ज की थी, लेकिन उन्हें यह जीत 'मोदी लहर' में मिली थी.

2014 में हुए चुनाव में बीजेपी और सपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. चुनाव में बीजेपी के नेपाल सिंह को 37.5 फीसदी और समाजवादी पार्टी के नसीर अहमद खान को 35 फीसदी वोट मिले थे. नेपाल सिंह की जीत का अंतर मात्र 23,435 वोटों का ही था. नेपाल सिंह की इस अप्रत्याशित जीत के कारण इतिहास में पहली बार किसी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं चुना जा सका.

Advertisement

2011 की जनगणना के अनुसार रामपुर में कुल 50.57 % मुस्लिम आबादी है, जबकि 45.97% हिंदू जनसंख्या है.

लेकिन इस बार बदले राजनीतिक समीकरण में बीजेपी के लिए यह सीट बचा पाना आसान नहीं माना जा रहा क्योंकि प्रदेश में सपा और बसपा ने आपसी गठबंधन कर लिया है. ऐसे में बीजेपी को किसी कद्दावर नेता की तलाश थी, अब जयाप्रदा के पार्टी में आ जाने से उसकी तलाश पूरी होती दिख रही है. रामपुर में तीसरे चरण में चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी और अब देखना होगा कि बीजेपी जयाप्रदा को टिकट देती है या नहीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement