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उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट: AAP, कांग्रेस और BJP में त्रिकोणीय मुकाबला

North East Delhi constituency 2019 लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने में कुछ ही वक्त बाकी है. उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने अभी से कमर कस ली है.

 बीजेपी सांसद मनोज तिवारी(फोटो-@ManojTiwariMP) बीजेपी सांसद मनोज तिवारी(फोटो-@ManojTiwariMP)
राहुल झारिया
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:40 AM IST

उत्तर पूर्वी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की एक लोकसभा सीट है. उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2009 में पहला लोकसभा (सामान्य) चुनाव लड़ा गया. यह दिल्ली जिले में स्थित है, जो 1997 में स्थापित किया गया था. इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्‍जा है. लेकिन आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.आम आदमी पार्टी (AAP)ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यहां से दिलीप पांडे के नाम की घोषणा कर दी है.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में शामिल 10 विधानसभा क्षेत्रों में बुराड़ी, रोहताश नगर, बाबरपुर, तिमारपुर, सीलमपुर, गोकलपुर, सीमापुरी, घोंडा, मुस्तफाबाद और करवाल नगर शामिल हैं. इनमें से सीमापुरी और गोकलपुर के क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.

भारत की 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक 2,241,624 लोगों की आबादी के साथ उत्तर पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है.

सामाजिक ताना-बाना

भारत निर्वाचन आयोग 2009 के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 2) में कुल मतदाताओं की संख्या 1,677,058 है, इनमें से 931,142 पुरुष हैं और 745,916 महिलाएं हैं. इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था उद्योगों, कृषि उत्पादन पर निर्भर करती है. यहां से संसद के वर्तमान सीटिंग सदस्य बीजेपी के मनोज तिवारी हैं.

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2014 का जनादेश

भारत के परिसीमन आयोग द्वारा अनुमोदित वर्ष 2008 में पहली बार अस्तित्व में आने पर इस संसदीय सीट पर आम चुनाव आयोजित किए गए. वोटों का पैटर्न बताता है कि यह चुनाव किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं था.

2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने राजधानी की सभी सात संसदीय सीटों पर जीत हासिल की. इस जीत से बीजेपी को दिल्ली में काफी ताकत मिली. वहीं, लंबे वक्त से देश की सत्ता में काबिज कांग्रेस को झटका देते हुए आम आदमी पार्टी ने अच्छी बढ़त बनाई.

बीजेपी की टिकट पर लड़े मनोज तिवारी को 5,96,125 (45.25%) वोट मिले, जबकि उनके करीबी प्रतिस्पर्धी आम आदमी पार्टी के आनंद कुमार को 4,52,041(34.31%) वोट मिले.कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल महज 2,14,792(16.31%) वोटों पर सिमट गए.

2014 के चुनावों में पूरे देश में मोदी लहर एक अहम कारक रहा. कांग्रेस को एंटीइनकम्बेंसी फैक्टर का नुकसान हुआ और बीजेपी ने इसका फायदा उठाया.

चुनाव विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि 2014 के चुनाव में ज्यादातर मुस्लिम वोट कांग्रेस के पक्ष में नहीं गए. वहीं, बीजेपी ने मनोज तिवारी जैसे मशहूर चेहरे को उतारकर दिल्ली में रहने वाले उत्तर भारतीयों के वोट बैंक में सेंध लगा दी.

2009 का जनादेश

साल 2009 के आम चुनावों में उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल ने 518191(59.3%) वोटों के साथ जीत दर्ज की. वहीं बीजेपी के बैंकुठ लाल शर्मा 295948(33.71%) वोटों के साथ दूसरे पायदान पर रहे. बीएसपी के हाजी दिलशाद महज 44111(5.02%) वोट पाकर तीसरे पायदान पर रहे.

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वर्तमान सांसद का रिपोर्ट कार्ड

उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी के मनोज तिवारी वर्तमान में सांसद हैं. 1 फरवरी 1971 को जन्मे मनोज तिवारी ने एमपीएड(MPEd) की डिग्री हासिल की हुई है और वे पेशे से फिल्म कलाकार हैं. उनके परिवार में एक बेटी है.

विकास कार्यों पर सांसद निधि से खर्च

जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 15.27 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 18.44 करोड़ (ब्याज के साथ) मिले हैं. इनमें से 3.16 करोड़ रुपये अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने जारी किए जा चुके रुपयों में से 85.27 फीसदी खर्च किया है.

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