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क्या शुरू होने के पहले ही खत्म हो गया साध्वी प्रज्ञा का राजनीतिक करियर

मालेगांव 2008 धमाके मामले में आरोपी और भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया. महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त वाले बयान पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं साध्वी प्रज्ञा को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा.

साध्वी प्रज्ञा (फाइल फोटो) साध्वी प्रज्ञा (फाइल फोटो)
देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2019,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

मालेगांव धमाके मामले में आरोपी और भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया. महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त वाले बयान पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं साध्वी प्रज्ञा को कभी माफ नहीं पर पाऊंगा. पीएम मोदी ने जिस तरह से इसपर प्रतिक्रिया दी है उससे जाहिर है कि साध्वी प्रज्ञा की आगे की राजनीति आसान नहीं रहने वाली है.

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एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भले ही साध्वी प्रज्ञा ने माफी मांग ली हो लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाऊंगा. पीएम मोदी साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणी से खुश नहीं हैं.

साध्वी प्रज्ञा लगातार विवादित बयान देकर सुर्खियों में बनी रहती हैं और अब पार्टी नेतृत्व भी उनके बयानों से खुश नजर नहीं आ रहा है. दरअसल, गुरुवार को अभिनेता कमल हासन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त ही रहेंगे. उनको आतंकवादी कहने वाले लोगों को अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए. ऐसे लोगों को जनता चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देगी.  

इस बयान के बाद ही साध्वी प्रज्ञा विरोधियों के निशाने पर आ गई थीं. भोपाल से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ रहीं बीजेपी नेता को अपनी ही पार्टी का साथ नहीं मिला. बीजेपी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा का ये निजी बयान है. मामला बढ़ता देख साध्वी प्रज्ञा को माफी मांगनी पड़ी. अपने बयान पर देश की जनता से साध्वी प्रज्ञा ने भले ही माफी मांग ली, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें माफ नहीं किया है.  

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साध्वी प्रज्ञा को राजनीति में कदम रखे एक महीना हुआ है, लेकिन जिस तरह से वह बयान दे रही हैं, उससे लगातार पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. बीजेपी की इस नेता के शर्मनाक बयानों का सिलसिला 26/11 के शहीद हेमंत करकरे पर टिप्पणी से शुरू हुआ था.

साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि हेमंत करकरे की 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में मौत उनके श्राप की वजह से हुई थी. साध्वी के इस बयान से भी बीजेपी ने पल्ला झाड़ लिया था. पार्टी ने कहा कि बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे. बीजेपी ने उन्हें हमेशा शहीद माना है.

विवादित बयानों से रहना होगा दूर

साध्वी प्रज्ञा अपने बयानों से पार्टी में अकेली पड़ती नजर आ रही हैं. विपक्ष तो उनपर हमलावर है ही, पार्टी का भी उनको साथ नहीं मिल रहा है. अब तक पार्टी प्रवक्ताओं या मंत्रियों की ओर से उनके बयान पर सफाई आती थी, लेकिन अब जब सीधे पीएम मोदी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई तो ऐसे में साध्वी प्रज्ञा को आगे अपने बयानों को लेकर सावधान रहना होगा और विवादित बयानों से दूर रहना होगा.

भोपाल की लड़ाई भी आसान नहीं

राजनीति में कदम रखते ही साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने भोपाल से टिकट दिया. भोपाल भले ही बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन यहां पर उनकी लड़ाई इतनी आसान नहीं है. यहां पर उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से है. इस चुनावी लड़ाई का किंग कौन बनेगा, ये तो 23 मई को चुनावी नतीजे आएंगे तब ही मालूम पड़ेगा. 

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