
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी यूपी की 8 सीटों पर वोटिंग होगी. ऐसे में मायवती, अखिलेश यादव और अजीत सिंह की संयुक्त रैली के लिए देवबंद को चुने जाने के मायने भी बेहद खास हैं. इससे भी खास इस रैली के दौरान उठाए गए मुद्दे हैं. माया, अखिलेश और अजित ने नोटबंदी, जीएसटी से लेकर गन्ना किसानों और आवारा पशुओं का मुद्दा उठाया.
महागठबंधन के सहयोगी बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह ने चुनावी रैली में पहली बार मंच साझा करते हुए कहा कि इस बार चुनाव में गरीब, दलित तथा अल्पंसख्यक मिलकर जुमलेबाजों को सबक सिखाएंगे.
गन्ना किसानों के नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश
शुरुआत गन्ना किसानों से करते हैं. मायावती ने गन्ना किसानों की नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश करते हुए कहा कि भाजपा की कर्जमाफी और बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान महज जुमलेबाजी साबित हुआ. मैं विश्वास दिलाना चहाती हूं कि अगर केन्द्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिला तो सभी राज्यों को किसानों का कोई भी बकाया नहीं रखने के सख्त निर्देश दिये जाएंगे.
वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि यहां के लोगों ने गन्ना पैदा करके पूरे देश को मिठास से जोड़ने का काम किया. आपके खेतों में गन्ना खड़ा रहे, मगर सरकार को कोई परवाह नहीं है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि दुनिया को हमारे देश पर गर्व है, लेकिन हमारा देश हर चीज में पीछे चला जा रहा है. दुनिया के बाकी देश आगे बढ़ रहे हैं, वहीं हमारा देश पीछे जा रहा है.
आवारा पशुओं के बहाने मोदी-योगी पर हमला
गन्ना किसानों का ही जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि यूपी में बीजेपी की सरकार ने आवारा पशुओं के जरिए किसानों को और भी बर्बाद कर दिया. गन्ना किसान भी परेशान हैं. वहीं, अजित सिंह ने कहा कि मोदी ने कहा था कि गन्ने का दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल होगा. मायावती जी और मुलायम सिंह यादव जी के शासन में गन्ना का दाम किसानों को मिलता था. आज अदालत के आदेश के बावजूद सरकार गन्ना मूल्य नहीं चुका रही है. मोदी और योगी किसान की फसल चर रहे हैं, सो अलग.
नोटबंदी और जीएसटी पर मायावती-अखिलेश ने मोदी को घेरा
मायावती ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से बेरोजगारी बढ़ी है. देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. साथ ही भ्रष्टाचार भी बढ़ा है. पीएम मोदी का ज्यादा समय अपने पूंजीपति दोस्तों को बचाने में गया. उन्हीं की चौकीदारी करते रहे. उन्हें ही मालामाल करते रहे. देश के किसान इस सरकार में शुरू से ही दुखी रहे. वहीं, अखिलेश ने कहा कि हमने देखा कि टीवी पर पैर धोए जा रहे थे, वहीं पीछे से दलित भाईयों की नौकरियां जाती रहीं जीएसटी से छोटे कारोबारियों कोई लाभ नहीं हुआ. वहीं, अजित सिंह ने कहा कि मोदी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कहा था कि वह हर साल दो करोड़ रोजगार देंगे. मगर, रोजगार बढ़ना तो दूर, दो करोड़ कम हो गए. वह युवाओं को पकौड़ा बनाने की सलाह देते हैं.
मायावती का आरोप, देश में आरक्षण कोटा खाली
देवबंद रैली में इसके अलावा मायावती ने आरक्षण का मुद्दा उठाया. मायावती ने आरोप लगाया कि केन्द्र की पिछली कांग्रेस सरकार की ही तरह मौजूदा भाजपा सरकार ने दलितों, पिछड़ों, मुस्लिम तथा अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का कोई खास विकास नहीं किया. पूरे देश में आरक्षण का कोटा खाली पड़ा है. पहले कांग्रेस और अब भाजपा की सरकारों ने निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था किए बगैर निजी क्षेत्र के जरिये ही काम कराकर धन्नासेठों को ही काम दिया जा रहा है.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर