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गोपालगंज लोकसभा सीट: लालू की पैतृक सीट पर क्या पुराना जादू दिखा पाएगा महागठबंधन?

गोपालगंज संसदीय क्षेत्र एससी वर्ग के लिए सुरक्षित सीट है. गौरतलब है कि छह विधानसभा क्षेत्र वाली इस संसदीय सीट पर ब्राह्मणों की भी बड़ी तादाद है जिससे यहां मुक़ाबला रोचक रहता है.

लालू यादव(File Photo लालू यादव(File Photo
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

आरजेडी चीफ लालू यादव का पैतृक जिला गोपालगंज जेपी आंदोलन के बाद से ही सियासी केंद्र में रहा है. इस सीट पर उनका और उनके परिवार का बर्चस्व लंबे समय तक रहा. 11 जून 1948 को गोपालगंज के फुलवरिया गांव में जन्में और जेपी आंदोलन के दौरान लाइमलाइट में आए लालू यादव ने हालांकि गोपालगंज के पड़ोसी सारण सीट को अपना सीट बनाया लेकिन उनके साले साधु यादव ने गोपालगंज सीट का प्रतिनिधित्व किया. गोपालगंज सुरक्षित लोकसभा सीट है.

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गोपालगंज 1976 में सारण से अलग होकर जिला बना. यह बिहार के पिछड़े जिलों में गिना जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा उम्मीदवार जनक राम ने जीत दर्ज की थी. जनक राम को 4,78,773 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ. ज्योति भारती से दुगुने से भी ज्यादा के अंतर से जीत दर्ज की थी.

गोपालगंज संसदीय क्षेत्र एससी वर्ग के लिए सुरक्षित सीट है. गौरतलब है कि छह विधानसभा क्षेत्र वाली इस संसदीय सीट पर ब्राह्मणों की भी बड़ी तादाद है जिससे यहां मुक़ाबला रोचक रहता है. गंडक नदी के पश्चिमी तट पर बसा गोपालगंज जिला भोजपुरी भाषी है और ईंख उत्पादन के लिए जाना जाता है. यह उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. यहां ग्रामीण जनसंख्या 93.93 प्रतिशत और शहरी जनसंख्या 6.07 प्रतिशत है.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

1957 के चुनाव में गोपालगंज सीट से कांग्रेस के डॉ. सैय्यद महमूद ने चुनाव जीता था. इसके बाद 1962, 1967, 1971 और 1977 में कांग्रेस के द्वारिकानाथ तिवारी यहां से चुनकर लोकसभा गए. 1980 और 1984 के चुनाव में भी ये सीट कांग्रेस के खाते में गई. 1989 में जनता दल के राजमंगल मिश्रा ने कांग्रेस को शिकस्त देकर इस सीट पर पार्टी का खाता खुलवाया. इसके बाद 1991 में जनता दल के अब्दुल गफूर जीतकर दिल्ली पहुंचे. 1996 में जनता दल के लाल बाबू प्रसाद यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 1998 में फिर अब्दुल गफूर को जीत मिली. 1999 में जेडीयू के रघुनाथ झा इस सीट से जीते. 2004 में आरजेडी के टिकट पर लालू यादव के साले अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. 2009 में जेडीयू के पूर्णमासी राम ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. 2014 के मोदी लहर में गोपालगंज की जनता ने बीजेपी के जनकराम को अपना प्रतिनिधि चुना.

इस सीट का समीकरण

गोपालगंज संसदीय क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 1,349,072  है. इसमें से 729,998 पुरुष वोटर और 619,074 महिला वोटर हैं.

विधानसभा सीटों का समीकरण

गोपालगंज संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचाइकोट, भोरे और हथुआ. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 2-2 बीजेपी और जेडीयू को मिलीं जबकि आरजेडी और कांग्रेस को 1-1 सीट पर सफलता मिली.

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2014 चुनाव का जनादेश

16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में गोपालगंज की सीट से बीजेपी के जनक राम विजयी रहे. उन्हें 4,78,773  वोट मिले. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 2,86,936  वोटों से हराया. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस की डॉ. ज्योति भारती जिन्हें 1,91,837  वोट मिले. जेडीयू के अनिल कुमार 1,00,419  वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

गोपालगंज के वर्तमान सांसद हैं बीजेपी नेता जनक राम. 16वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने संसद में 15   बहसों में हिस्सा लिया. सदन के पटल पर विभिन्न मुद्दों से जुड़े 113 सवाल उन्होंने पूछे.

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