
मुजफ्फरपुर उत्तरी बिहार के तिरहुत प्रमंडल का मुख्यालय तथा मुजफ्फरपुर जिले का प्रमुख शहर है. अपने शाही लीची के लिए यह जिला पूरी दुनिया में जाना जाता है. साहित्यकार देवकी नंदन खत्री, रामबृक्ष बेनीपुरी, जानकी वल्लभ शास्त्री और क्रांतिकारी खुदीराम बोस की यह स्थली रही है. जार्ज फर्नान्डिस और कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद जैसे नेताओं ने मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. यहां के वर्तमान सांसद हैं जयनारायण निषाद के पुत्र और बीजेपी नेता अजय निषाद.
2017 में मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के लिए चयनित हुआ. यह जिला ऐतिहासिक रूप से भी काफी समृद्ध है. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म वैशाली के निकट बसोकुंड में लिच्छवी कुल में हुआ था. यह स्थान जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर 1952 से 1971 तक कांग्रेस जीती. 1977, 1980 में जनता पार्टी की जीत हुई. 1989, 1991, 1996 में जनता दल ने जीत हासिल की. 1998 में आरजेडी की जीत हुई और 1999, 2004, 2009 में जेडीयू जीती. 2009 में जेडीयू के जयनारायण प्रसाद निषाद सांसद बने. इस सीट से 5 बार जीतकर जॉर्ज फर्नान्डिस लोकसभा गए जबकि कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद 4 बार इस सीट से जीते.
जॉर्ज फर्नान्डिस की कर्मभूमि
जॉर्ज फर्नान्डिस श्रमिक संगठन के नेता तथा पत्रकार थे. वे मुजफ्फरपुर से 5 बार सांसद रहे. उन्होंने समता पार्टी की स्थापना की. वे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में रक्षामंत्री, संचार मंत्री, उद्योग मंत्री, रेल मंत्री आदि के रूप में कार्य कर चुके हैं. 1977 में आपातकाल हटा दिए जाने के बाद जॉर्ज फर्नान्डिस ने मुजफ्फरपुर सीट जीती. जनता पार्टी सरकार के अलावा वे अटल सरकार में भी मंत्री रहे. साथ ही एनडीए के संयोजक भी रहे.
कैप्टन जयनारायण निषाद का बना गढ़
पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जयनारायण निषाद 4 बार मुजफ्फरपुर सीट से सांसद रहे. 2014 में इस सीट पर उनके बेटे अजय निषाद बीजेपी से सांसद बने. जयनारायण प्रसाद निषाद सेना की सेवा से 1969 में मुक्त हुए. वहां से लौटने के बाद वे सीधे जननायक कर्पूरी ठाकुर के संपर्क में आए. उन्होंने ही उन्हें राजनीति में उतरने के लिए प्रेरित किया. कैप्टन निषाद ने अपना पहला विधानसभा चुनाव लोकदल के उम्मीदवार के रूप में लालगंज से 1980 में लड़ा था. उसके बाद 1984 में कर्पूरी ठाकुर ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मुजफ्फरपुर भेजा. फिर वे यहीं के होकर रह गए.
इस सीट का समीकरण
मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या है 1,339,949. इनमें से महिला वोटरों की संख्या 622,714 और पुरुष वोटरों की संख्या 717,235 है.
विधानसभा सीटों का समीकरण
मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें हैं- गायघाट, औराई, बोचहां, सकरा, कुरहानी और मुजफ्फरपुर. 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 3 सीट आरजेडी ने जीते, दो सीट बीजेपी के खाते में आई और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई.
2014 चुनाव का जनादेश
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर 2014 में हुए चुनाव में बीजेपी के अजय निषाद जीते. अजय निषाद को 4,69,295 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह जिन्हें 2,46,873 वोट मिले थे. जेडीयू के बीजेंद्र चौधरी 85,140 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. इससे पहले 2009 के चुनाव में कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद ने जेडीयू के टिकट पर यहां से चुनाव जीता था. इस सीट पर वोटरों की संख्या 1,339,949 है.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
संसदीय कार्यवाही में अजय निषाद सक्रिय रहते हैं. 16वीं लोकसभा के दौरान अजय निषाद ने 17 बहसों में हिस्सा लिया, विभिन्न मुद्दों से संबंधित 168 सवाल उन्होंने सदन के पटल पर पूछे.