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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 'कब्र के लिए तीन फुट जमीन' वाली विवादास्पद टिप्पणी से जुड़े आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मंगलवार को बेगूसराय की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. साथ ही उन्हें जमानत भी दे दी गई है.
बेगूसराय लोकसभा सीट से प्रत्याशी गिरिराज ने 24 अप्रैल को जीडी कॉलेज में एक चुनावी सभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में कहा था 'जो वंदेमातरम नहीं कह सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन नहीं कर सकता... अरे गिरिराज के तो बाबा-दादा रिया सिमघाट में गंगा के किनारे मरे. उसी भूमि पर कब्र भी नहीं बनाया. तुम्हें तो तीन हाथ की जगह भी चाहिए. अगर तुम नहीं कर पाओगे, तो देश कभी माफ नहीं करेगा.'
बेगूसराय के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी राहुल कुमार ने खुद संज्ञान लेते हुए 25 अप्रैल को नगर थाने में गिरिराज के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने गिरिराज के खिलाफ आरपी कानून 1951 की धारा 125 और 123, आईपीसी की धारा 153 ए, 153 बी, 295 ए, 171 सी, 188, 298 और 505 दो के तहत उक्त प्राथमिकी दर्ज कराई थी. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ठाकुर अमन कुमार की अदालत के सामने मंगलवार को आत्मसमर्पण करने पर गिरिराज को 5000 रुपए के दो जमानती बॉन्ड भरने पर जमानत दे दी गई.
बता दें कि बेगूसराय लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान हुआ था, जहां गिरिराज का मुकाबला सीपीआई उम्मीदवार और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और आरजेडी प्रत्याशी तनवीर हसन से है.
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