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महागठबंधन की रैली में कांग्रेस पर एक बार फिर जमकर बरसीं मायावती

मायावती ने जब चुनावी मंच संभाला तो इंदिरा गांधी के गरीबी हटाओ से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को निशाने पर लिया. इतना ही नहीं कांग्रेस के 6 हजार रुपए महीने गरीबों को दिए जाने को एक चुनावी जुमला करार दिया

मंच पर मौजूद महागठबंधन के नेता मंच पर मौजूद महागठबंधन के नेता
पंकज सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

देश के सबसे बड़े सूबे यूपी में महागठबंधन की साझा रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर जमकर कांग्रेस पर हमला बोला. मायावती ने जब चुनावी मंच संभाला तो इंदिरा गांधी के गरीबी हटाओ, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी को निशाने पर लिया. इतना ही नहीं कांग्रेस के 6 हजार रुपए महीने गरीबों को दिए जाने को एक चुनावी जुमला करार दिया. वहीं बिना नाम लिए ही प्रियंका के बोट यात्रा पर भी प्रहार किया.

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गरीबों के लिए न्यूनतम आय 6 हजार रुपए महीने के कांग्रेस के नए वादे पर मायावती ने कहा कि यदि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ के अपने 20 सूत्रीय कार्यक्रम को पूरी तरह लागू किया होता तो आज इस वादे की जरूरत नहीं पड़ती. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मंदिर में टीका लगाया जा रहा है, मजार पर चादर चढ़ाई जा रही है, साथ ही बोट यात्रा करनी पड़ रही है.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा लेकिन उससे कहीं अधिक बढ़कर कांग्रेस पर हमला बोला. मायावती ने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार गलत नीतियों की ही वजह से कांग्रेस को सत्ता से दूर जाना पड़ा. केंद्र ही नहीं राज्यों की सरकारों से भी हाथ धोना पड़ा. कांग्रेस के कार्यकाल को सबने देखा है. कांग्रेस को चुनाव के समय ही सिर्फ गरीबों की याद आती है. कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है वह पूर्व की तरह खोखले रहे हैं. कांग्रेस इस बार अच्छे दिन दिखाने वाली सरकार की ही तरह वादे कर रही है.

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मायावती ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि हम जीते या न जीते लेकिन महागठबंधन नहीं जीते. पश्चिमी यूपी में खासकर कांग्रेस की ओर से जानबूझकर ऐसे उम्मीदवार उतारे गए जिससे महागठबंधन का नुकसान हो. मुस्लिम मतदाताओं से अपील करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस इस लायक नहीं कि बीजेपी से मुकाबला कर सके. महागठबंधन ही है जो बीजेपी का मुकाबला कर सकती है. बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों को बहुत आजमा चुके अब आजमाने की जरूरत नहीं.

इससे पहले भी मायावती कांग्रेस पर अधिक हमलावर रही हैं. जिस वक्त यूपी मे महागठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने या न होने की बात चल रही थी उस दौरान भी मायावती अधिक हमलावर थीं. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग होकर ही मायावती ने चुनाव लड़ा. महागठबंधन की साझा रैली में अखिलेश से कहीं ज्यादा मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला.

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