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कम समय में बुलंदियों पर पहुंचीं अनु टंडन, उन्नाव में साक्षी महाराज से मुकाबला

उत्तर प्रदेश के उन्नाव से चुनाव लड़ रहीं अनु टंडन यहां से 2009 में सांसद रह चुकी हैं. 2014 में वह बीजेपी के साक्षी महाराज से हार गईं. 2019 में फिर दोनों आमने-सामने हैं.

उन्नाव से चुनाव लड़ रही हैं अनु टंडन उन्नाव से चुनाव लड़ रही हैं अनु टंडन
अमित राय
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

अनु टंडन को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का खास माना जाता है. 2006 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था. सलमान खुर्शीद ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. कांग्रेस जॉइन करते ही उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी गई थी. कुछ ही दिनों में अनु टंडन ने अपनी मजबूत पकड़ बना ली. उन्हें प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की कमान भी सौंपी गई थी.

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अनु टंडन 2009 में तब चर्चा में आईं जब उन्नाव से उन्हें कांग्रेस का टिकट दे दिया गया और वह जीतकर संसद पहुंच गईं. उनका प्रचार करने के लिए शाहरुख़ खान, सलमान खान से लेकर रवीना, कैटरीना आदि बॉलीवुड सितारे उन्नाव पहुंचे. 2014 के चुनाव में भी वह उन्नाव से लड़ीं लेकिन मोदी लहर में हार गईं. बीजेपी के साक्षी महाराज यहां सांसद चुने गए. अब तीसरी बार वह उन्नाव से उम्मीदवार हैं. इस बार फिर उनका मुकाबला बीजेपी के साक्षी महाराज से है.

अनु टंडन ह्रदय नारायन धवन चैरिटेबल ट्रस्ट की डायरेक्टर हैं. जो कि उन्नाव में लोककल्याण के काम करती है. यह संस्था 2000 से पहले से ही सक्रिय है. इस संस्था से उन लोगों को मदद दी जाती है जिन बच्चों के मां-बाप अशिक्षित हैं. दिव्यांगों और विधवाओं के कल्याण के लिए भी यह संस्था काम करती है.

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अनु टंडन एमओटेक सॉफ्टवेयर नाम की कंपनी भी चलाती रही हैं. इस कंपनी को मुकेश अंबानी ने लॉन्च किया था. सालोनिका वासंस नाम की कंपनी भी वह चलाती हैं जो टेक्सटाइल का निर्यात करती है.

अनु टंडन का विवादों से पुराना नाता रहा है. उनके पति संदीप टंडन इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी थे. उन्होंने रिलांयस ग्रुप पर छापा मारा था और बाद में सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देकर रिलांयस में डायरेक्टर बन गए थे. बाद में उनका निधन हो गया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अनु टंडन पर स्विस बैंक में रुपये रखने का आरोप लगाया था. हालांकि अनु टंडन ने इसे वेबुनियाद बताया था.

उन्नाव लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर से सटी हुई है. कानपुर शहर से लगे होने के नाते उन्नाव चमड़े के कारोबार के लिए दुनियाभर में मशहूर है. कभी यह कांग्रेस का मजबूत दुर्ग हुआ करता था लेकिन वक्त के साथ बीजेपी ने यहां अपनी जगह बना ली. 2014 के चुनाव में बीजेपी के साक्षी महाराज को 5,18,834 वोट मिले, जबकि सपा के अरुण शुक्ला को 2,08,661 वोट मिले, बसपा के बृजेश पाठक को 2,00,176 वोट मिले वहीं कांग्रेस की अनु टंडन को अनु टंडन को 1,97,098 वोट मिले.

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