
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बुधवार सुबह मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव खातिर शिवसेना-भाजपा के गठबंधन की घोषणा के बाद से पहली मुलाकात थी. मातोश्री में हुई इस मुलाकात के दौरान देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार की गई.
बैठक में आदित्य ठाकरे, सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रकांत पाटिल, मिलिंद नार्वेकर और सुभाष देसाई मौजूद थे. बैठक में राज्य भर में 6 संयुक्त रैलियां करने का निर्णय लिया गया, जिसमें दोनों दलों के नेता मंच साझा करेंगे. माना जा रहा है कि पहली रैली 15 मार्च को सुबह अमरावती और शाम नागपुर में, दूसरी रैली 17 मार्च को सुबह औरंगाबाद और शाम नासिक में, तीसरी रैली 18 मार्च को नवी मुंबई और पुणे में होगी.
25 सीटों पर बीजेपी तो 23 सीटों पर लड़ेगी शिवसेना
बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक होंगे. महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 25 पर भाजपा और बाकी 23 पर शिवसेना चुनाव लड़ेगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा और 23 सीटों पर जीती. जबकि शिवसेना ने 22 सीटों पर चुनाव लड़कर 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
राष्ट्रहित में हो रहा है गठबंधन
कुछ दिन पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि ये गठबंधन राष्ट्रहित में किया गया है. हम अकेले भी महाराष्ट्र में लोकसभा और राज्य के चुनाव जीत जाते पर केंद्र की राजनीति को देखते हुए ये गठबंधन जरूरी था. लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में ऐसी जीत दर्ज करेंगे कि सबका सफाया हो जाएगा. ऐसा सफाया मानो किसी ने खजाना लूट लिया हो ताकि भविष्य में आगे कोई भी पार्टी,शिवसेना के सामने उम्मीदवार न खड़ा करे.
विधानसभा चुनाव में टूट गया था गठबंधन
बता दें, बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन 1989 के लोकसभा चुनाव से ही है और तब से लेकर 2014 के लोकसभा चुनाव तक दोनों पार्टियां राज्य में हर लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ लड़ीं. 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों अलग-अलग चुनाव लड़े थे.