
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार देर रात 35 उम्मीदवारों की अपनी 7वीं लिस्ट जारी कर दी. रेणुका चौधरी को तेलंगाना के खम्मम से जबकि इमरान प्रतापगढ़ी को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से टिकट दिया गया है. पार्टी ने पहले राज बब्बर को मुरादाबाद से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ना चाहते थे. पार्टी ने अब उनकी मांग मान ली है और इस सूची में उन्हें फतेहपुर सीकरी से टिकट दिया गया है. वहीं कांग्रेस में हाल ही में शामिल हुई प्रीता हरित आगरा से चुनाव लड़ेंगी.
अंदरखाने कहा जा रहा था कि राज बब्बर ने पार्टी आलाकमान को बता दिया था कि वह मुरादाबाद की जगह फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसलिए माना जा रहा था कि कांग्रेस उनका नाम मुराबाद से वापस ले सकती है और सातवीं लिस्ट जारी करते हुए पार्टी ने उनकी बात मान ली.
गौरतलब है कि राज बब्बर 2009 में फतेहपुर सीकरी संसदीय सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था. राज बब्बर को फतेहपुर सीकरी से करीब 9 हजार वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा था. 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी की ओर से राज बब्बर आगरा से चुनाव जीते. हालांकि 2009 और 2004 में बीजेपी के रामशंकर कठेरिया आगरा से बड़े अंतर से जीते थे.
बहरहाल, राज बब्बर की मांग को पार्टी ने मान लिया है और उन्हें फतेहपुर सीकरी से टिकट दिया गया है और मुरादाबाद से उनकी जगह इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट दिया गया है. मथुरा से सटी हुई फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही वर्चस्व में आई. इस सीट पर अब तक दो बार ही चुनाव हुए हैं. इसमें एक बार बहुजन समाज पार्टी और दूसरी बार बीजेपी ने बाजी मारी थी. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने यहां से एक तरफा जीत दर्ज की थी और चौधरी बाबूलाल चुनाव जीत कर आए थे.
वर्ष 2014 के आंकड़े बताते हैं कि फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर करीब 16 लाख वोटर हैं, इनमें 8.7 लाख पुरुष और 7 लाख से अधिक महिला वोटर शामिल हैं. जातिगत आंकड़ों को देखें तो ये सीट भी जाट बहुल बेल्ट के अंतर्गत ही आती है, 2014 के चुनाव में बीजेपी को इस सीट पर मोदी लहर के दम पर जीत दर्ज की. बीजेपी के बाबूलाल को यहां पर 44 फीसदी से अधिक वोट मिले थे.
वहीं प्रीता हरित आगरा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. आईआरएस के तौर पर मेरठ में तैनात रही प्रीता हरित ने गत बुधवार को अपने पद से त्यागपत्र देकर कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली थी. वह मेरठ में मुख्य आयकर आयुक्त थीं. हरियाणा की रहने वाली प्रीता हरित दलित अधिकारों को लेकर बहुत सक्रिय रही हैं. 1987 बैच की आईआरएस प्रीता हरित ने दनकौर में दलित महिलाओं पर हुए अत्याचार की कड़ी आलोचना की थी. इस मुद्दे की जांच सीबीआई से कराने की मांग में उनकी अहम भूमिका रही थी.