
लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार का मन बदल गया है. पवार ने यू-टर्न लेते हुए घोषणा की है कि आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. वो महाराष्ट्र के सोलापुर की माढ़ा संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. हालांकि उनके भतीजे और परिवार के अन्य सदस्य इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे.
पवार परिवार से कोई नहीं लड़ेगा चुनाव
एनसीपी अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि अजीत पवार, पार्थ पवार और रोहित पवार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने ये बात वंशवादी राजनीति के रूप में बढ़ावा देने के सवाल का जवाब देते हुए कहा. शरद पवार के भतीजे अजीत पवार मौजूदा समय में महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं. शरद पवार ने अपने पोते रोहित पवार के चुनाव लड़ने की अफवाहों का भी खंडन किया.
माढ़ा सीट से पवार हो सकते हैं उम्मीदवार
बता दें कि पिछले दिनों लोकसभा चुनाव 2019 के लिए महाराष्ट्र के सीटों की समीक्षा के लिए शरद पवार ने अपनी पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी. इस दौरान पवार ने कहा था कि सोलापुर के माढ़ा लोकसभा क्षेत्र के एनसीपी सांसद विजय सिंह मोहिते पाटिल ने उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया है. इसके अलावा अन्य पदाधिकारियों की भी यही राय है.
बीजेपी-शिवसेना गठबंधन
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी-शिवसेना के बीच हुए गठबंधन के बारे में बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि यह तो होना ही था. पवार ने कहा, 'पिछले कुछ महीनों के दौरान दोनों पार्टियों के बीच तीखी जुबानी जंग और बयानबाजी देखने को मिली थी. अब वे एक साथ खड़े हैं और एकता का संदेश देना चाहते हैं. महाराष्ट्र की जनता उनकी रणनीति तो समझती है. ऐसे में प्रदेश के लोग सोचेंगे और बेहतर कदम उठाएंगे.'
सर्वदलीय बैठक में पीएम के शामिल न होने पर उठाया सवाल
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की. पवार ने कहा कि एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
उन्होंने कहा कि पीएम शामिल होंगे यह मान कर हम सब दिल्ली गए, क्योंकि यह (पुलवामा में आतंकी हमला) राष्ट्र पर हमला था. लेकिन जब वहां पहुंचे तो मालुम हुआ कि पीएम बैठक में शामिल नहीं होंगे. ऐसे गंभीर मुद्दे पर बैठक में शामिल होने के बजाए नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित करना चुना. वह (महाराष्ट्र के) धुले और यवतमाल में रैलियों को संबोधित कर रहे थे जहां उन्होंने हमारी आलोचना की.