
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के लिए आयोजित गठबंधन की संयुक्त जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र की एनडीए सरकार के साथ-साथ कांग्रेस पर भी निशाना साधा. लेकिन फिरोजाबाद में गठबंधन की रैली में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बरस रहीं मायावती अचानक सपा कार्यकर्ताओं से नाराज हो गईं और उन्हें बसपा कार्यकर्ताओं से सीख लेने की नसीहत दी.
असल में, जब मायावती जनसभा को संबोधित कर रही थीं, उसी बीच सपा समर्थक नारेबाजी करने लगे. इस पर वह थोड़ी नाराज हुईं और बोलीं कि बीच में नारेबाजी ना करें. बसपा के कार्यकर्ताओं से सीखें. मेरे ख्याल से सपा कार्यकर्ताओं को बसपाइयों से अनुशासन सीखने की जरूरत है. उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं से कहा, 'समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बसपा के कार्यकर्ताओं से कुछ सीखने की जरूरत है. आप लोग जो बीच में नारे लगा रहे हैं, आपको बसपा के लोगों से कुछ सीखना चाहिए. बसपा के लोग पार्टी और हमारी बात बहुत शांति से सुनते हैं.'
कांग्रेस-बीजेपी दोनों पर निशाना
बहरहाल, फिरोजाबाद में अक्षय यादव के लिए प्रचार करते हुए मायावती ने जनता से अनुरोध किया कि बीजेपी और कांग्रेस के चुनाव सर्वे के बहकावे में नहीं आना है. बीजेपी ने पिछले लोकसभा में चुनावी घोषणा पत्र में जो अच्छे दिन के वादे किए थे, वो कांग्रेस की सरकारों की तरह खोखला ही साबित हुए हैं. बसपा प्रमुख ने कांग्रेस की न्याय योजना पर भी निशाना साधा और कहा कि इससे देश की गरीबी का हल नहीं निकाला जा सकता है. गरीब परिवारों को 6 हजार रुपये महीना देने के बजाय नौकरी देना होगा. उन्होंने लोगों से वादा किया कि यदि केंद्र में गठबंधन की सरकार बनती है तो वो सबको काम, सबको नौकरी देने की कोशिश करेंगी.
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तंज कसा और कहा कि चौकीदारी की नाटकबाजी भी इस बार बीजेपी को नहीं जिता पाएगी. चाहे बीजेपी के छोटे-बड़े सभी चौकीदार इकट्ठे हो जाएं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि इस बार नमो नमो कहने वालों की नहीं, बल्कि जय भीम जय भीम कहने वालों की सरकार बनेगी. मोदी ने देश की जनता से कोरे वादे किए हैं. अच्छे दिन का वादा कर जनता को ठगा है.
फिरोजाबाद में कुनबे की जंग
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की गढ़ मानी जाने वाली फिरोजाबाद सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. 2014 के मोदी लहर में भी यह सीट सपा के महासचिव रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव को मिल गई थी, लेकिन इस बार परिस्थितियां थोड़ी बदली हुई हैं. यहां से सैफाई परिवार के दो दिग्गज आमने-सामने हैं. समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव अपने भतीजे और निवर्तमान सांसद अक्षय यादव से ताल ठोकने को तैयार हैं. सैफई परिवार में इन दो दिग्गजों की भिड़ंत का बीजेपी ने भी पूरा लाभ उठाने का प्रयास किया है और अपने पुराने कार्यकर्ता डॉ़ चंद्रसेन जादौन को उम्मीदवार बनाकर लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है.
इस क्षेत्र में क्षेत्र में यादव वोटर की संख्या 4.31 लाख के करीब है. 2.10 लाख जाटव, 1.65 लाख ठाकुर, 1.47 लाख ब्राह्मण, 1.56 लाख मुस्लिम और 1.21 लाख लोधी मतदाता हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 17,45,526 है. महिला मतदाता 734,206 और पुरुष मतदाता 902,532 हैं.
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