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मोदी सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं, 63 फीसदी लोगों को आज भी अच्छे दिन का इंतजार

सर्वे में जो नतीजे आए हैं वह बीजेपी के लिए बहुत अच्छे नहीं हैं. 63 फीसदी लोगों ने माना है कि अच्छे दिन नहीं आए हैं. वहीं 33 फीसदी लोगों का मानना है कि अच्छे दिन आ गए हैं जबकि 4 फीसदी लोग ऐसे हैं जो इस मामले पर कोई राय नहीं रखते.

पीएम मोदी (फोटो-PTI) पीएम मोदी (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST

2014 लोकसभा चुनाव में अच्छे दिन का नारा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपना अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था. 30 साल बाद किसी एक पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार किया था. 11 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहने वाले नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाते हुए बीजेपी ने ऐतिहासितक जीत दर्ज की. यह सभी बातें तो इतिहास में दर्ज हो गईं. लेकिन अब जब 2019 के चुनाव में बीजेपी मैदान में उतरेगी तो जनता और विरोधी पार्टियां उससे उसके कार्यों का हिसाब मांगेगी. लेकिन इससे पहले इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स ने देश की जनता से यह जानने की कोशिश की कि 2014 में नरेंद्र मोदी ने जो अच्छे दिन का वादा किया था, क्या वो अच्छे दिन आ गए.  

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सर्वे में जो नतीजे आए हैं वह बीजेपी के लिए बहुत अच्छे नहीं हैं. 63 फीसदी लोगों ने माना है कि अच्छे दिन नहीं आए हैं. वहीं 33 फीसदी लोगों का मानना है कि अच्छे दिन आ गए हैं. जबकि 4 फीसदी लोग तो ऐसे हैं जो इस मामले पर कोई राय नहीं रखते. इससे पहले अगस्त 2018 में किए गए सर्वे में 35 फीसदी लोगों ने माना था कि अच्छे दिन आ गए हैं. जबकि 59 फीसदी लोगों ने माना था कि नहीं अभी तक अच्छे दिन नहीं आए. जबकि 6 फीसदी लोग इस पर कोई राय नहीं रखते हैं.

वहीं जनवरी 2018 के सर्वे में 39 फीसदी लोगों ने माना था कि अच्छे दिन आ गए हैं. जबकि 54 फीसदी लोगों ने माना था कि अच्छे दिन नहीं आए हैं. वहीं 4 फीसदी लोग ऐसे थे जो इस पर कोई राय नहीं रखते थे. ऐसे में इन आंकड़ों से साफ है कि ज्यादातर लोग आज भी मानते हैं कि अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं. यह आंकड़े साफतौर पर लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए चिंता बढ़ा सकते हैं.

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यह इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स का सर्वे है जिसमें 12,166 लोगों से सवाल पूछे गए. इसमें 69 फीसदी ग्रामीण और 31 फीसदी शहरी लोग शामिल थे. इसका दायरा 97 लोकसभा क्षेत्रों और 194 विधानसभा सीटों तक फैला था. सर्वे में 19 राज्यों को शामिल किया गया.

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