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1988 में मोदी ने इस्तेमाल किया डिजिटल कैमरा और Email? सोशल मीडिया पर उबाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निजी चैनल को दिए इटंरव्यू में कहा कि उन्होंने 1988 में डिजिटल कैमरे से तस्वीर खींच ईमेल की थी. पीएम मोदी के इस दावे से सोशल मीडिया हैरान परेशान है और हर कोई इस दावे की तह में जाने में लगा हुआ है.

प्रधानमंत्री के बयान से सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस प्रधानमंत्री के बयान से सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2019,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

सबसे पहला ईमेल कब किया गया था? सबसे पहला ईमेल आखिर किसने किया था? ऐसे ही कुछ सवाल हैं जो इन दिनों सोशल मीडिया की गलियों में घूम रहे हैं और हर कोई इनका जवाब मांग रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निजी चैनल को दिए इटंरव्यू में कहा कि उन्होंने 1988 में डिजिटल कैमरे से तस्वीर खींच ईमेल की थी. पीएम मोदी के इस दावे से सोशल मीडिया हैरान परेशान है और हर कोई इस दावे की तह में जाने में लगा हुआ है.

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ना सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स बल्कि राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के IT सेल की प्रमुख दिव्या स्पंदना ने भी प्रधानमंत्री के इस कथन पर टिप्पणी की है. दिव्या स्पंदना ने लिखा कि क्या आप सोच सकते हैं कि 1988 में नरेंद्र मोदी की ईमेल आईडी क्या थी? मुझे लगता है dud@lol.com

इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने क्या कहा था?

एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘शायद, मैंने पहली बार डिजिटल कैमरा का उपयोग किया, 1987-1988 में और उस समय काफी कम लोगों के पास ईमेल रहता था. मेरे यहां विरमगाम तहसील में आडवाणी जी की रैली थी, मैंने डिजिटल कैमरा पर उनकी फोटो खींच कर दिल्ली को ट्रांसमिट की.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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सोशल मीडिया पर क्या लिख रहे हैं लोग?

सोशल मीडिया पर कई आम यूजर्स और बुद्धिजीवी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं. इकॉनोमिस्ट रूपा सुब्रमण्या ने लिखा कि 1988 में पश्चिमी देशों में भी कुछ ही वैज्ञानिकों के पास ही ईमेल था, लेकिन पीएम मोदी ने 1988 में ही हिंदुस्तान में ईमेल का इस्तेमाल कर लिया था. जबकि बाकी देश के लिए 1995 में इसका इस्तेमाल लागू हुआ.

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी लिखा कि प्रधानमंत्री के पास बटुआ नहीं था, क्योंकि पैसे नहीं थे. लेकिन 1988 में ईमेल और डिजिटल कैमरा था.

वायरल वीडियो के जवाब में शाहिद अख्तर ने लिखा है कि पहला डिजिटल कैमरा 1990 में बिक्री के लिए सामने आया था. ये लोजिटेक फोटोमैन का ग्रे वर्ज़न था. लेकिन पीएम मोदी के पास ये 1988 में ही था. इसके अलावा तब उन्होंने इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर लिया था, जबकि भारत में 14 अगस्त, 1995 में इंटरनेट आया था.

गौरतलब है कि भारत में आम जन के लिए इंटरनेट की सुविधा विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) के द्वारा जारी की गई थी.

बादल और रडार पर मच गई थी रार!

प्रधानमंत्री के इस बयान से पहले इसी इंटरव्यू में दिया गया बादल और रडार से जुड़ा बयान भी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहा था. हालांकि, विवाद होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट हटा लिया था.

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तब बालाकोट एयरस्ट्राइक पर प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘एयर स्ट्राइक के दिन मौसम ठीक नहीं था. उस दिन विशेषज्ञों का मानना था कि स्ट्राइक दूसरे दिन की जाए. लेकिन मैंने उन्हें सलाह दी कि वास्तव में बादल हमारी मदद करेंगे और हमारे लड़ाकू विमान रडार की नजरों में नहीं आएंगे.’

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